अग्रिबाण प्रतिनिधि से मुलाकात में बोले…देश यूथ ओरिएंटेड हो रहा है तो भाजपा भी क्यों नहीं?
इंदौर। 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने मुख्यमंत्री पिता शिवराजसिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में प्रचार की कमान संभालने वाले कार्तिकेय चौहान यूं तो विदेश में पढ़े-लिखे हैं, लेकिन जिस तरह से भाजपा की राजनीति में उनके कदम जम रहे हैं, उससे उनमें एक राजनेता से ज्यादा समाजसेवी की छवि नजर आ रही है। फिलहाल वे भाजपा में किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन युवाओं की राजनीति का एक चेहरा बनकर सामने आ रहे हैं। कल युवा महाकुंभ में शामिल होने आए कार्तिकेय से अग्रिबाण प्रतिनिधि की अनौपचारिक चर्चा के दौरान उनमें भी शिव छवि दिखाई दी।
जिस तरह की सरल भाषा में कार्तिकेय आम लोगों से बात करते हैं उनकी यही खासियत उन्हें विशेष बना जाती है। अगर आसपास सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी न हों तो वे एक आम युवा की तरह ही नजर आते हैं। युवा महाकुंभ के बाद वे युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष गोलू शुक्ला के निवास पर पहुंचे। इसके पहले मरीमाता चौराहे पर उन्होंने गोलू के साथ ही गरीबों को कंबल वितरित किए तो कुछ गरीब अपनी पीड़ा सुनाने लगे। अपने पिता की तरह उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्होंने उनकी बात सुनी और अपने साथ चल रहे स्टाफ से कुछ कहा भी कि वे यहां के अधिकारियों से बात करें। भीड़ की धक्का-मुक्की के बीच वे गोलू के घर पहुंचे तो वहां सभी से आत्मीयता से मिले। इसी दौरान अग्रिबाण प्रतिनिधि संजीव मालवीय से अनौपचारिक चर्चा में कार्तिकेय ने अपने जीवन का ध्येय समाजसेवा बताया और कहा कि राजनीति समाजसेवा का माध्यम होना चाहिए। राजनीति निष्कपट, निष्कलंक और ऐसी होना चाहिए, जिस पर आमजन विश्वास कर सकें। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा का एक कार्यकर्ता हूं और अभी तो बहुत कुछ सीख रहा हूं। एक कार्यकर्ता का अनुभव लेकर मैं आगे बढऩा चाहता हूं। मैं पैराशूट से कूदनेे वाला व्यक्ति नहीं हूं कि सीधे राजनीति में आए और पद पा लिया। उन्होंने कहा कि राजनीति एक सीधा माध्यम है लोगों की सेवा करने का। भाजपा में युवाओं को आगे लाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आज सबकुछ यूथ ओरिएंटेड हो रहा है तो भाजपा क्यों नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना ने हमें आत्मनिर्भर होना सिखाया है और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत को आत्मसात करते हुए युवाओं को आगे बढऩा चाहिए।
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