नई दिल्ली। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (भारत में कोविशील्ड) टीके से बनी एंटीबॉडी तीन माह में खत्म होने से जुड़ी रिपोर्ट पर विवाद हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. जेए जयाला का कहना है कि टीके को लेकर कई ऐसी रिपोर्ट हैं जिससे साबित होता है कि वो असरदार और सुरक्षित है। इसके साथ ही टीके से एंटीबॉडीज के साथ व्यक्ति में टी-सेल इम्युनिटी का पता चलता है।
ऐसे में तीन माह में एंटीबॉडीज खत्म होने से जुड़ी रिपोर्ट जो लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित हुई है वो गलत है। उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रिका वैज्ञानिक साक्ष्यों और आधार को नकार के कुछ भी नहीं साबित कर सकती है। डॉ. जयाला का स्पष्ट कहना है कि आंख बंद कर के किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहिए वो भी तब जब आपके पास तमाम तरह के अध्ययन और आंकड़े हैं।
लोगों का विश्वास तोड़ा गया : जयदेवन
केरल, आईएमए के रिसर्च सेल के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन का कहना है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना तथ्यों की जांच के नतीजों के बारे में बता दिया गया। दुनियाभर में करोड़ों की संख्या में लोगों ने एस्ट्राजेनेका का टीका लगवाया है। ऐसे में इस तरह की रिपोर्ट जिसमें आंकड़ों और वैज्ञानिक साक्ष्यों को नकारा गया गया है उसे जारी कर लोगों की भावनाओं और इस कठिन समय में उनके विश्वास को तोड़ा गया है।
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