कमलनाथ बुधवार को पांढुर्णा और सौंसर में धन्यवाद सभा को संबोधित कर रहे थे। दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा जिले की सातों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। यहां से कांग्रेस ने सभी सीटों पर जीत हासिल की। सौसर-पांढुर्ना में कांग्रेस को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद बुधवार को यहां धन्यवाद सभा का आयोजन हुआ, जिसमें कमलनाथ और उनके सांसद पुत्र नकुलनाथ ने शामिल होकर सभी मतदाताओं, आम नागरिकों और कार्यकर्ताओं का आभार जताया।
मंदिर-मस्जिद जाने से दूर नहीं होती बेरोजगारी
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को रोजगार और उसकी क्रय शक्ति आर्थिक गतिविधि बढ़ने से होती है। सौसर इसका उदाहरण है। छह हजार किमी की सड़कों का निर्माण और रेमंड सहित अन्य इकाइयों से स्थानीय रोजगार बढ़ा, निवेश आया और निवेश तब आता है जब विश्वास होता है, परंतु वर्तमान में निवेश एमपी के लिये एक चुनौती है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मंदिर-मस्जिद जाने से बेरोजगारी दूर नहीं होती, इसके लिये योजनाएं होनी चाहिए। बेरोजगारी तब दूर होगी जब निवेश आयेगा। उन्होंने जोश, उत्साह और आत्म विश्वास से कहा कि कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले तो मेरे सामने बैठे हैं। ये जीत इन्हीं के प्यार और विश्वास का परिणाम है।
दिल्ली में लहराना है झंडा-नकुलनाथ
इस अवसर पर सांसद नकुलनाथ ने कहा कि मैं कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता का दिल से आभार मानता हूं, जिनकी मेहनत रंग लाई और हम सातों की सात सीट जीते। उन्होंने सौसर में अपने प्रचार अभियान को लेकर कहा कि मैंने पूर्व में ही विजय चौरे से कहा था कि विजय की विजय निश्चित है और आज फिर से विधायक सौंसर से है। सांसद और प्रदेश अध्यक्ष भी सौसर के वोटर हैं। अब तीन माह बाद लोकसभा के चुनाव है और हमें इसी जोश और जुनून के साथ लोकसभा में जीत हासिल कर छिंदवाड़ा और सौसर का झंडा दिल्ली में लहराना है।
आने वाले समय में होगी हमारी अग्नि परीक्षा
पांढुर्ना में सभा में कमलनाथ ने कहा कि आपने कांग्रेस की रीति और नीति का परिचय देते हुए एक इतिहास बनाया है और जीत का यह इतिहास बरसों बरस तक याद रखा जायेगा. परंतु अब आने वाले समय में हमारी असली अग्नि परीक्षा है, जिसके लिए हमें अभी से तैयार होना होगा. कमलनाथ ने इस अवसर पर पुराने दिनों और पुराने चेहरों को याद करते हुए कहा कि हमने पांढुर्ना की कच्ची गलियां देखी है. न सड़कें थी न ही ग्रामीण सड़क, छिंदवाड़ा की पहचान नहीं थी. परंतु हमने मिलकर धीरे-धीरे यह कठिन रास्ता पार किया। मुझे अभी भी सर्वाधिक चिन्ता युवाओं की है कि इनका भविष्य क्या होगा, क्योंकि हमारे युवा ही पांढुर्ना-छिंदवाड़ा और प्रदेश का भविष्य है।
जनता ने बड़बोलों का बैंड बजाया
इस अवसर पर नकुलनाथ ने कहा कि मैंने भाई निलेश को पहले ही कहा था कि कांग्रेस का बैंड बजाने की बात करने वाले जान लें कि बैंड तो बजेगा लेकिन निलेश की जीत का बजेगा और पांढुर्ना की जनता ने न केवल ऐसे बडबोलों का बैंड बजाया बल्कि उन्हें विदा भी कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें तीन माह बाद फिर से लोकसभा की चुनौती का सामना करना है। भाजपा के पास धनबल है. परंतु हमारे पास जनबल है और हम मिलकर फिर से विजय का परचम लहराएंगे।
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