नई दिल्ली। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम शुरू हो गया है। इसके जरिए अब विमानों को खराब मौसम और खराब दृश्यता के समय रात में रनवे तक पहुंचने के लिए कम दूरी की दिशा बताई जाएगी।
अक्सर विमानों को खराब मौसम या कम दृश्यता के समय रनवे पर पहुंचने में परेशानी होती है। इस कारण से कई बार दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं। इससे बचने और विमानों को सही दिशा और रनवे पर पहुंचने के निर्देश के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उपकरण लैंडिंग सिस्टम लागू किया है।
आईएलएस एक सटीक रेडियो नेविगेशन प्रणाली है, जिसकी मदद से विमानों को खराब मौसम और कम दृश्यता के दौरान रात में रनवे तक पहुंचने की अनुमति देने के लिए कम दूरी के दिशा-निर्देश दिए जा सकेंगे। खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण कई विमानों की उड़ानों के समय में बदलाव हुआ है। इस कारण से यात्रियों को असुविधा होती है। वहीं एयरलाइन को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
हवाई अड्डे के निदेशक, देवेंद्र यादव ने कहा कि आईएलएस कैट 1 की सुविधा रात के दौरान विमानों के संचालन को सुगम बनाएगी। 18 अप्रैल को एक निजी एयरलाइन आईएलएस का उपयोग कर सुबह 6.29 बजे उतरी थी। भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण एएआई कई सालों से परियोजना पर काम कर रहा है, इसमें भूमि की उपलब्धता, नियामक जैसी कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा।
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