नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने प्रति सप्ताह काम के औसत घंटों को लेकर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण और पूर्वी एशिया में काम के घंटे सबसे ज्यादा हैं। जबकि उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य एशिया काम के घंटे सबसे कम हैं।
‘वर्किंग टाइम एंड वर्क लाइफ’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, विकसित देश भारत, चीन और ब्राजील के लोगों को अधिक समय तक काम करना पड़ता था। जबकि, 1970 में ब्राजील में काम के घंटे में गिरावट का ट्रेंड शुरू हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में वैश्विक स्तर पर थोक और खुदरा व्यापार में सबसे ज्यादा काम के घंटे थे। यहां लोगों को सप्ताह में औसतन 49.1 घंटे काम करना पड़ता था। इसके अलावा परिवहन व संचार में, 48.2 घंटे, मैन्यूफैक्चरिंग में 47.6 घंटे काम करना होता था। इसके अलावा सबसे छोटे काम के घंटे कृषि क्षेत्र में थे, जहां 37.9 घंटे काम करना होता था। इसके अलावा शिक्षा 39.3 घंटे में और स्वास्थ्य सेवाओं में 39.8 घंटे काम करना होता था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि काम के सबसे लंबे औसत घंटों वाला व्यावसायिक समूह प्लांट व मशीन ऑपरेटर और असेंबलर था, जो औसतन प्रति सप्ताह 48.2 घंटे काम करना था। इसके बाद सेवा और बिक्री कर्मचारी प्रति सप्ताह 47.0 घंटे काम करते थे।
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