• img-fluid

    बीमारी भी थमेगी, मौतें भी रुकेंगी, इंदौर 7 दिन में तैयार

  • April 26, 2021


    – दवाइयों की बड़ी खेप इंदौर पहुंचने की तैयारी में
    – 10 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था में जुटा प्रशासन
    – प्राथमिक उपचार कर गंभीर बीमारियों को रोकेंगे
    – लॉकडाउन का असर सामने आएगा-मरीज घटेंगे

    इन्दौर। अब इलाज बढ़ता जाएगा और मरीज (patient) घटते जाएंगे… साधन-संसाधन से लेकर इलाज की व्यवस्थाओं तक के लिए कमर कस चुका प्रशासन जहा अस्पतालों  (hospitals) और इलाज के बिस्तरों की व्यवस्था में जुटा हैं, वहीं जीवन रक्षक दवाईयां (Medicines) भी जुटाई जा रही है। इधर लॉकडाउन (Lockdown) के चलते एक पखवाड़े से स्वैच्छिक रूप से स्वंय को नियंत्रित कर घरों में रह रहे लोगों की सचेतगी भी संख्या घटाएगी और एक हफ्ते में इन्दौर हर परिस्थिति में मुकाबले के लिए तैयार हो जाएगा।
    सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों में फिलहाल उपचारत मरीजों (patients)की चिकित्सा की सुविधा जहां उपलब्ध हैं वहीं इससे भी ज्यादा मरीज (patient) घरों पर इलाज करा रहे हैं, इसके अलावा प्रशासन द्वारा राधा स्वा्मी सत्संग से लेकर कई स्थानों पर की गई कोविड केयर सेंटरों की स्थापना के चलते पहली प्राथमिकता लोगों को इलाज के साथ ही लोगों को हड़बड़ी का शिकार होने से बचाने की है। प्रशासन द्वारा 30 अप्रैल तक शहर में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिवेर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) और अन्य जीवन रक्षक दवाईयां (Medicines) उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। अनुमान है कि यदि लापरवाहियों का दौर नहीं रहा और लोगों की सजगता जारी रही तो एक सप्ताह में महामारी पर नियंत्रण पाने में शहर सक्षम होगा।


    अस्पताल से पहले स्वंय की सजगता और सतर्कता जरूरी  – पहली प्राथमिकता
    जैसे ही शरीर में बुखार या खांसी, सर्दी, जुखाम जैसे लक्षण हो तो उसे साधारण बीमारी न समझते हुए कोरोना की उपलब्ध साधारण दवाई प्रशासन के किसी भी स्वास्थ्य केंद्र से हासिल कर लें। जिनमें फेविफ्लू सहित अन्य दवाएं शामिल होती है। यह दवाईयां कोरोना नहीं होने पर भी कोई नुकशान नहीं करती लेकिन कोरोना को प्राथमिक स्तर पर ही नियंत्रित कर लेती है। एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि प्रशासन के किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या निजी अस्पताल या मेडिकल स्टोर में जाते वक्त एक क्षण के लिए भी अपना मास्क नहीं उतारें क्योंकि अधिकांश संक्रमण इन्हीं स्थानों से प्रवेश कर रहे हैं।

    दूसरी जरुरत
    बीमारी के लक्षण नजर आते ही अपना ऑक्सीजन लेवल बराबर चेक करते रहें। खांसी बढऩे की दशा इस बात का संकेत है कि वायरस आपके फेंफड़ों में घुसने का प्रयास कर रहा हैं। ऐसे में लंबी-लंबी सांसे लेने और छोडऩे के अभ्यास के साथ स्वंय को थकान से बचाते हुए आराम की दशा में रखें। प्राथमिक दवाईयां और सांसों का अभ्यास आपका आक्सीजन लेवल नियंत्रित करने में जहां मदद करेगा वहीं आपको अस्पताल की व्यवस्था करने और उपचार के लिए पर्याप्त वक्त भी देगा।

    तीसरी सजगता
    जब खांसी का दौर बढ़ता जाएगा… सांस लेने में तकलीफ होगी, ऑक्सीजन लेवल नियंत्रित भी होगा तब भी अपना चेस्ट सिटीस्केन कराकर यह सुनिश्चत कर लें की आपका संक्रमण फेफड़ों में कितना प्रवेश कर चुका है। 15 से 20 प्रतिशत तक का संक्रमण रोग प्रतिरोधक दवाओं से नियंत्रित होने में सक्षंम हैं। ऐसे में अस्पताल (hospital) में दाखिल होना अनिवार्य है। यही वह स्टेज है जहां से संक्रमण तेजी से फैलने की शुरूआत करता है। लेकिन 25 से 30 प्रतिशत तक का संक्रमण पर भी यदि गतिरोध लगा दिया जाए तो गंभीर स्थिति को टाला जा सकता है। यानि यह अंतिम सजगता और सतर्कता है।

    Share:

    Casting Couch पर Ranveer Singh बोले- मैं भी हो चुका है शिकार, उसने कहा बस एक बार छुओ न

    Mon Apr 26 , 2021
    मुंबई। बॉलीवुड में एक्ट्रेस (Bollywood Actress) अक्सर कास्टिंग काउच (Casting Couch) का शिकार होती हैं. आज कल कई एक्ट्रेस मुखर होकर बड़ी बेबाकी से अपनी बात भी लोगों के सामने रख रही हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ लड़कियों के साथ नहीं होता है. बॉलीवुड के सफल अभिनेता भी कास्टिंग काउच (Casting Couch) का शिकार हो चुके […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved