गुना। जिले में खनन माफियाओं का बोलबाला है और अफसर हैं कि इन पर कार्रवाई नहीं करते। अगर इन पर कार्रवाई करनी भी पड़ती है तो इक्का-दुक्का पर नार्मल धाराओं से कार्रवाई कर काम को इतिश्री कर देते हैं। प्रशासन की अनदेखी से हालात ये हैं कि जिन रेत खदानों का ठेका नहीं है हुआ वहां से 24 घंटे डंफरो से रेत ढोई जा रही है। और प्रशासन है कि मूकदर्शक बना सब कुछ देख रहा है। अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई न होना भी इस बात को दर्शाता है कि विभाग के कुछ अफसरों और माफियाओं के बीच सांठगांठ है। बहरहाल जो भी हो इन सब के करतूतों के कारण सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए0 के दिशा-निर्देशन में 26 मई को प्राप्त सूचना के अनुसार ग्राम बिलोनिया में निर्माणाधीन वेयर हाउस में अवैध रूप से मुरम/ कोपरा का भण्डारण किया जा रहा है, मौके पर जॉच के दौरान एक ट्रैक्टर बिना नंबर का ट्राली सहित कोपरा भरा पाया गया। जिसे पकडकर पुलिस लाईन ले जाया गया। उक्त ट्रेक्टर ट्राली धर्मेन्ट जाट जो बिलोनिया निवासी हैं के नाम दर्ज है। धर्मेन्द्र निवासी बिलोनिया द्वारा ही निर्माणाधीन वेयर हाउस में मुरम/ कोपरा का भण्डारण किया जाना पाया गया। मौके पर 21 ढेर लगे हुये पाये गये। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वेयर हाउस इंदौर निवासी यश शर्मा के द्वारा बनाया जा रहा है। इसी क्रम में अवैध रूप से गिट्टी का परिवहन करते हुए एक ट्रेक्टर ट्राली कैन्ट रोड पर जप्त की गई। जिसे थाना कैन्ट में रखवाया जाकर प्रकरण बनाया गया।
डंपरों से 24 घंटे अवैध खनिज परिवहन, कार्यवाही नहीं
शहर सहित जिलेभर में संचालित पत्थर क्रेशर खदानों से 24 घंटे अवैध रूप से मुरम, कोपरा परिवहन किया जा रहा है जिसकी रायल्टी भी नहीं काटी जा रही, बगैर रायल्टी के शासन के खजाने को चूना लगा रहे पत्थर क्रेशर संचालक खनिज विभाग से सेटिंग कर लाखों रुपए का गोलमाल हर महीने कर रहे हैं। राजनीति की ओट लेकर सफेद चोला पहनकर कुछ नेता अवैध रूप से पत्थर क्रेशर खदानों पर ब्लास्टिंग व शासन के टैक्स की चोरी खुलेआम कर रहे हैं नेतागिरी के चलते प्रशासन के जिम्मेदार अफसर भी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। हालांकि ब्लास्टिंग के बाद पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हुए युवक की घटना की जानकारी कलेक्टर को मिलने के बाद पिपरौदा खुर्द में मौजूद करीब आधा दर्जन क्रेशर संचालकों को खनिज विभाग के द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं। घटना के बाद से ही पत्थर क्रेशरों से धमाकों की आवाज आना बंद हो गई है। पत्थर क्रेशर संचालकों को खनिज विभाग के द्वारा नोटिस जारी करने के बाद अब देखना होगा कि विभाग नोटिस देकर मामले की लीपापोती करता है या फिर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।
सूत्र बताते हैं कि क्रेशर खदान संचालकों ने लीज से कई गुना अधिक भूमि खोद डाली है कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं, क्रेशर ऊपर चलने वाले वाहन भी खनिज के नियमों के तहत आरटीओ में रजिस्टर्ड नहीं हैं, नियमों को दरकिनार कर करोड़ों रुपए का राजस्व चूना शासन के खजाने को खनिज विभाग से मिलकर क्रेशर माफिया बड़ी आसानी से लगा रहे हैं।
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