भोपाल: हाल ही में भोपाल जेल से रिहा हुए वैराग्यनंद त्यागी उर्फ मिर्ची बाबा ने वहां के भोपाल जेल अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मिर्ची बाबा ने कहा कि जेल में कैदियों से अवैध वसूली के लिए जमकर मारपीट की जाती है. मोटी रकम लेकर जेल काटने वालों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है. बाबा ने जेल अधिकारी की संपत्ति की जांच की मांग भी की है.
मिर्ची बाबा ने आरोप लगाए हैं कि जेल में होने वाली कथा के लिए धनराशि एकत्रित करने के लिए कैदियों को प्रताडि़त किया जाता है. मैं, भी इस प्रताड़ना का शिकार हुआ हूं. मिर्ची बाबा का कहना है कि 2023 में चंडीगढ़ के कथा वाचक हरि ठाकुर और 2024 में कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने जेल में कथा की थी, जिसे जेल अधीक्षक ने कराई थी. आयोजन में खर्च की गई राशि शासन ने उपलब्ध नहीं कराई थी, बल्कि कैदियों को प्रताड़ित कर अवैध वसूली की गई थी.
मेरी मुलाकात पर लगाया बैन
बाबा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने कथा की धनराशि जुटाने के लिए मुझे भी बुलाया था. मुझसे कहा गया कि जेल में कथा होना है. सहयोग के रूप में नकद राशि दें. मैंने कहा कि मैं तो सन्यासी हूं. मेरे पास पैसा नहीं है. मेरे मना करने पर मेरी मुलाकात पर चार महीने तक बैन लगा दिया गया. बाद में कोर्ट के आदेश पर मेरी मुलाकात अपने लोगों से शुरू हुई.
भू-माफियाओं का बनता है अलग से खाना
बाबा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब मैं जेल में था, तब जेल में देवास के एक भू माफिया को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता था. यहां तक की उसका खाना भी जेल के अस्पताल वार्ड से अलग से बनाया जाता था. बाबा का कहना है कि जेल में होने वाली कथा आयोजन को लेकर मैंने आरटीआई लगाई है. कथा का किस मद से यह आयोजन हुआ. फिलहाल, इसका जवाब जेल प्रशासन की ओर ने नहीं दिया गया है.
सभी आरोप निराधार
दूसरी तरफ, जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने मिर्ची बाबा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है. जेल अधीक्षक के अनुसार कथा जन सहयोग से कराई गई. इससे जुड़े तमाम प्रमाण जेल मुख्यालय को सौंपे दिए गए हैं. कथा के चौथे दिन महाराज ने स्वयं इस बात का जिक्र किया था कि कथा कैदियों के कल्याण के लिए की जा रही है. कथा नि:शुल्क की जा रही है.
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