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मुझको राणा जी माफ करना गाने वाली इला अरुण बोलीं, मेरे गाने हमेशा…

November 27, 2024

मुंबई। चोली के पीछे’ गाने का नया वर्जन फिल्म ‘क्रू’ में हिट हो गया था। इस गाने में मूल आवाज इला अरुण (Ila Arun) और अलका याग्निक (Alka Yagnik) की ही रखी गई है। बीच-बीच में रैप की लाइनें आती हैं लेकिन बॉलीवुड को ‘चोली के पीछे क्या है’ और ‘गुप चुप’ जैसे सुपरहिट गाने देने वाली सिंगर ईला अरुण को हर कोई जानता है. उनके गाने के तरीके और अंदाज ने हर किसी को उनका दीवाना बनाया है. उनके गानों में कुछ अलग ही बात होती है जो सभी को नाचने पर मजबूर कर देती है. हाल ही में उनके गाने ‘चोली के पीछे क्या है’ को भी नए तरीके से बनाकर फिल्म ‘क्रू’ में रिलीज किया गया था.

लोग उनके गानों को असभ्य भी बताते हैं, इस पर ईला अरुण ने अपने सुपरहिट गानों के मैसेज को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा कि गाने असभ्य नहीं होते, बल्कि छेड़छाड़ वाले होते हैं. इस बातचीत में म्यूजिक डायरेक्टर राजेश रोशन के साथ काम करने के बारे में भी बताया और फिल्म ‘करण-अर्जुन’ के री-रिलीज पर भी खुशी जताई.



ईला अरुण ने अपने गानों ‘चोली के पीछे क्या है’ और ‘गुप चुप’ में असभ्य और छेड़छाड़ के बीच का फर्क समझाते हुए कहा, ‘लोगों ने मेरे गाने चोली के पीछे को भी नीचा दिखाने की कोशिश की. लेकिन वो कोई खराब गाना नहीं था. ये एक आम छेड़छाड़ वाली भाषा है. आती क्या खंडाला, चोली के पीछे ये सभी गाने मस्ती के लिए हैं. जो लोग गांव में नहीं रहे या जो बड़े घरों में पैदा हुए हैं उन्हें ये सब चीजें समझ नहीं आएंगी.’

ईला अरुण ने आगे कहा, ‘उन दिनों हर जगह टीवी नहीं हुआ करते थे, तो सभी के पास अपने गाने होते थे और वो उसे होली या शादियों में गाया करते थे. ये सभी गाने अधिकतर घर में हो रहे फंक्शन में जहां घर की भाभियां एक दूसरे को छेड़ रही होती थीं या जीजा-साली में एक मस्ती भरा खेल हुआ करता था. हालांकि आज के समय के जो गाने हैं, वो असभ्यता की सीमा को लांघ चुके हैं. असभ्य और छेड़छाड़ गानों में फर्क होता है. चोली के पीछे, गुप चुप जैसे गाने असभ्य नहीं हैं, ये सभी मस्ती के लिए बनाए गए हैं.’

‘राजेश रोशन काफी शांत स्वभाव के इंसान हैं’
ईला अरुण ने अपनी बातचीत में म्यूजिक डायरेक्टर राजेश रोशन को शांत स्वभाव का इंसान बताया. उन्होंने कहा कि वो ज्यादा नहीं बात करते थे, वो एक अच्छी छवि छोड़कर गए. उन्होंने कहा, ‘मैं अपने आप को बहुत खुशकिस्मत समझती हूं कि मैंने इतने प्रतिभाशाली म्यूजिक कंपोजर्स और डायरेक्टर्स के साथ काम किया है. शुरू में मुझे राजेश रोशन और गाने के लेखक के सामने ये छेड़छाड़ वाला गाना गाने में तकलीफ हुई थी लेकिन उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया और आज देखिए लोगों को गाना याद है और वो इसे प्यार भी करते हैं.’

‘पुराने गानों को नहीं छूना चाहिए’
इन सभी बातों के बीच ईला अरुण ने अपने पुराने गाने ‘चोली के पीछे क्या है’ को नए तरीके से बनाने पर भी बात की. उनका कहना है कि वो खुश हैं कि उनका गाया हुआ गाना लोगों को नए तरीके से पसंद आया. मगर उनका ये भी मानना है कि पुराने गाने इतने अलग तरीके से बनाए जाते थे, कि उनको दोबारा नए तरीके से बनाने का फायदा नहीं है.

‘गानों को नए सिरे से तब बनाया जाता है जब आपके पास कुछ नया बनाने को नहीं होता, लेखकों के पास कोई नया आइडिया नहीं होता और प्रोड्यूसर के पास नया गाना बनाने का बजट नहीं होता. लेकिन आज की जो पीढ़ी है वो ऐसे मॉडर्न धुनों को पसंद करती है. तभी वो लोग ऐसे गानों को दोबारा बनाने का सोचते हैं. ऐसा करने की कोशिश में वो पुराने गाने का चार्म खत्म कर देते हैं. अंत में ये एक बिजनेस ही है. मुझे ऐसा लगता है कि पुराने गानों को नहीं छूना चाहिए.

‘अमरीश पुरी को याद करूंगी’
अंत में ईला अरुण ने फिल्म ‘करण-अर्जुन’ के री-रिलीज पर भी बात की. उन्होंने कहा कि ये अपने समय की सबसे बेहतरीन फिल्म थी. मैं खुश हूं कि फिल्म दोबारा रिलीज हो रही है. जो भी लोग शाहरुख और सलमान को प्यार करते हैं, उन्हें ये मौका मिलेगा कि वो उन दोनों को एक अलग अवतार में देखें. मुझे पूरा यकीन है कि फिल्म का थीम और प्रदर्शन आज भी काम करेगा.

उन्होंने आगे अमरीश पुरी को याद करते हुए कहा, ‘लेकिन मैं अमरीश पुरी को याद करूंगी. वो एक बेहतरीन एक्टर और लाजवाब इंसान थे.’ राकेश रोशन की फिल्म ‘करण-अर्जुन’ 22 नवंबर को थिएटर्स में री-रिलीज की गई है. फिल्म में शाहरुख-सलमान के अलावा, काजोल, ममता कुलकर्णी, राखी और अमरीश पुरी मुख्य रोल में थे.

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