नई दिल्ली(New Delhi) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) बॉम्बे ने भगवान राम (lord rama)और देवी सीता (Goddess Sita)पर अपमानजनक नाटक(Outrageous play) का मंचन(Staging) करने के लिए एक छात्र पर 1.2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि एक सेमेस्टर की फीस के बराबर है। छात्र ने ‘राहोवन’ नामक नाटक में भाग लिया था, जो कि रामायण पर आधारित है। इस नाटक ने छात्रों के एक वर्ग के विरोध को भड़का दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंदू धर्म के साथ-साथ राम और सीता के प्रति अपमानजनक है। आईआईटी ने सात अन्य छात्रों को भी दंडित किया है।
2025 में वैश्विक क्यूएस रैंकिंग में भारतीय संस्थानों में सर्वोच्च स्थान पर रहने वाले आईआईटी बॉम्बे ने 4 जून को छात्र को जुर्माना नोटिस जारी किया। इससे पहले नाटक के बारे में शिकायतों को दूर करने के लिए 8 मई को अनुशासन समिति की बैठक बुलाई गई थी।
नोटिस में कहा गया है कि 1.20 लाख रुपये का जुर्माना 20 जुलाई 2024 को डीन के कार्यालय में जमा किया जाना है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस दंड का उल्लंघन करने पर आगे और प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
नोटिस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ के हैंडल से भी पोस्ट किया गया। इसी समूह ने पहले नाटक का विरोध किया था और संस्थान की कार्रवाई का स्वागत किया है। पोस्ट में लिखा, “नाटक में रामायण को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया है। इन छात्रों ने भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण का उपहास करने के लिए शैक्षणिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है।”
छात्रों ने कहा कि नाटक में शामिल आठ छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पढ़ाई पूरी कर लेने वाले छात्रों को अधिक जुर्माना का सामना करना पड़ा। वहीं, अपनी पढ़ाई जारी रखने वालों को कम जुर्माना और हॉस्टल से निलंबन का सामना करना पड़ा।
इस साल 31 मार्च को आईआईटी बॉम्बे के ओपन-एयर थिएटर में नाटक का मंचन किया गया था। 8 अप्रैल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ हैंडल ने नाटक की निंदा करते हुए कहा कि यह भगवान राम और रामायण का मजाक उड़ा रहा है।
आईआईटी बॉम्बे की अनुशासन समिति ने पहले भी आचार संहिता के उल्लंघन के लिए छात्रों पर जुर्माना लगाया है। हालांकि, आईआईटी बॉम्बे के अधिकारियों ने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वे छात्रों के लिए दंड की मात्रा कैसे निर्धारित करते हैं।
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