नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बाद से ही रूस और अमेरिका और सहयोगी देशों के रिश्ते खराब हुए हैं. अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर दबाव बनाने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. इसमें रूस के तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल का कैप भी शामिल है. अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद भी उसका बड़ा सहयोगी जापान (Japan to Buy Russian Oil) इस कैप से ज्यादा कीमत पर रूस से तेल खरीदने जा रहा है. इस मामले पर जापान ने अमेरिका से बातचीत करके उसे इसके लिए तैयार कर लिया है. जापान ने अमेरिका से कहा है कि तेल की खरीद को अमेरिका अपवाद माने क्योंकि फिलहाल जापान को रूस के तेल की सख्त जरूरत है.
कई यूरोपीय देशों ने रूस के तेल पर कम की निर्भरता
जापान का रूस का तेल खरीदने का फैसला काफी आश्चर्यजनक है, क्योंकि कई यूरोपीय देशों ने रशियन क्रूड ऑयल (Russian Crude Oil) पर ऊपर अपनी निर्भरता को कम कर दिया है. वहीं जापान ने रूस से प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की खरीद में इजाफा किया है. इसके साथ ही जी-7 देशों के समूह में जापान इकलौता देश है, जिसने यूक्रेन को किसी भी तरह का घातक हथियार देकर उसकी इस युद्ध में मदद नहीं की है.
जापान यूक्रेन को दे रहा समर्थन
यूक्रेन को अपना समर्थन देते हुए जापान के पीएम फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) ने हाल ही यूक्रेन का दौरा किया था. जी-7 देशों में से ऐसा करने वाले वह आखिरी नेता बन गए है, जिसने रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन का दौरा किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगले महीने होने वाले जी-7 मीटिंग में यूक्रेन के साथ अपनी एकजुटता दिखाएंगे.
रूस के खिलाफ अमेरिका के सहयोगियों में नहीं दिख रही एकजुटता
जापान ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि रूस से 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक पर भले ही जापान तेल खरीद रहा है मगर इसकी मात्रा बहुत कम है. इसके साथ ही जापान ने इसके लिए अमेरिका ने परमिशन भी दे दी है. मगर जापान के इस कदम से रूस के खिलाफ अमेरिका और उसके सहयोगियों की प्रतिबद्धता कमजोर दिख रही है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया ने उन सभी देशों के जहाजों को इंश्योरेंस देने से मना कर दिया जो तय कैप से अधिक मूल्य पर रूस से तेल खरीद रहे हैं.
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