नई दिल्ली. कोरोना महामारी की पिछली लहर में सर्दी-खांसी और बुखार इसके सबसे आम लक्षणों में से एक थे. ठंड के मौसम में भी ज्यादातर लोगों को ये समस्या हो जाती है. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों (omicron cases) के बीच इसके लक्षण की भी पहचान होना जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन के दो लक्षण (omicron symptoms) आम सर्दी-जुकाम से बिल्कुल अलग है. इनकी पहचान कर इस नए वैरिएंट के संक्रमण से समय रहते बचा जा सकता है.
ओमिक्रॉन के 2 असमान्य लक्षण (Two uncommon signs)-
ओमिक्रॉन के व्यवहार को समझने के लिए अब तक कई तरह की स्टडीज की जा चुकी हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इसके लक्षण कोरोना के वास्तविक स्ट्रेन (original strain)से अलग हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अलग-अलग वैरिएंट्स में अलग-अलग लक्षण होना आम बात है. यही चीज ओमिक्रॉन के साथ भी है. ओमिक्रॉन के लक्षण (symptoms of omicron) सर्दी-जुकाम की तरह ही होते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत धीरे-धीरे दो असमान्य लक्षणों के साथ होती है जो हैं- सिर दर्द और थकान.
ओमिक्रॉन के अन्य लक्षण (Other common symptoms of omicron)-
WHO के मुताबिक, पिछले की तुलना में नया वैरिएंट तीन गुना अधिक संक्रामक है और ये ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है. ये वायरस वैक्सीन और नेचुरल इंफेक्शन से मिली इम्यूनिटी से भी बच सकता है. अब तक के डेटा के अनुसार, ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा की तरह गंभीर नहीं हैं. ओमिक्रोन के कुछ सामान्य लक्षणों में हल्का बुखार शामिल है, जो अपने आप ठीक हो जाता है. इसके अलावा थकान, गले में चुभन और शरीर में बहुत ज्यादा दर्द ओमिक्रॉन के खास लक्षण हैं. हालांकि, स्वाद और सुगंध जाने जैसे लक्षण ओमिक्रॉन में नहीं देखे जा रहे हैं.
ओमिक्रॉन और डेल्टा में तुलना-
हेल्थ एक्सपर्ट्स अभी भी ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के लक्षणों में पूरी तरह अंतर नहीं कर पाए हैं. अब तक के डेटा से पता चलता है कि केवल 50 प्रतिशत लोग ही कोरोना वायरस के क्लासिक तीन लक्षणों- बुखार, खांसी, या सुगंध-स्वाद की कमी का अनुभव करते हैं. इनके अलावा दोनों वैरिएंट में नाक बहना, सिर दर्द, हल्का या बहुत ज्यादा थकान, छींक आना या फिर गले में खराश महसूस होता है.
ओमिक्रॉन से कैसे करें बचाव (How to protect from the omicron variant)-
कोरोना के किसी भी वैरिएंट से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लेना बहुत जरूरी है. नए साल के जश्न में खुद को भीड़-भाड़ से दूर रखें और सोशल डिस्टेंसिग का पूरी तरह पालन करें. मास्क को सही तरीके से लगाए और जब तक जरूरी ना हो, इसे बिल्कुल भी ना हटाएं. हाथों को समय-समय पर साफ करते रहें और कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
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