इंदौर (Indore)। भाजपा और कांग्रेस को माहेश्वरी और जैन समाज को नजरअंदाज कर टिकट नहीं देना भारी पड़ गया। इस क्षेत्र में दोनों समाजों के मतदाता हार-जीत का निर्णय करते हैं, लेकिन वे घरों से ही वोट देने नहीं निकले। कांग्रेस की फौज और विधायक गौड़ के समर्थकों ने आखिर तक पूरी कोशिश कर ली कि मतदान का प्रतिशत बढ़ जाए, लेकिन वे फेल हो गए। उपचुनाव में टिकट को लेकर चली जद्दोजहद में भाजपा ने पिछड़ा वर्ग से जीतू राठौर को तो कांग्रेस ने विकास जोशी को टिकट दिया था। गुमाश्ता नगर और सुदामा नगर क्षेत्र में माहेश्वरी और जैन समाज का दबदबा है और इन्हीं दोनों समाजों से टिकट देने की मांग की जा रही थी, लेकिन दोनों ही दलों ने लोगों की भावनाओं को दरकिनार करते हुए अन्य को टिकट दे दिया।
कल मतदान भी हो गया, लेकिन मतदाता घरों से बाहर ही नहीं निकले। इस वार्ड में सर्वाधिक 21 हजार 731 वोट हैं, लेकिन इनमें से मात्र 41.32 प्रतिशत वोट ही पड़े, जबकि पिछली बार इसका आंकड़ा 75 प्रतिशत था। हालांकि कल तय हो जाएगा कि कौन इस वार्ड का पार्षद बनेगा, लेकिन दोनों ही दलों को इन दोनों बड़े समाजों की बेरूखी भारी पड़ गई और जो समाज भाजपा के पक्ष में मतदान करता था, वह मतदान से दूर ही रहा। भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत आखिरी के 3 घंटों में घर-घर जाकर वोट देने के लिए मतदाताओं से संपर्क भी किया, लेकिन वे घरों से नहीं निकले।
विधायक मालिनी गौड़, उनके पुत्र एकलव्यसिंह गौड़, पूर्व सभापति और इसी वार्ड से पार्षद रहे शंकर यादव सहित चार नंबर के चुनिंदा पार्षद आखिर तक दम लगाते रहे, लेकिन मतदान का आंकड़ा 50 प्रतिशत को भी नहीं छू पाया। वहीं कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति के तहत बड़े नेताओं को यहां झोंक रखा था। खुद पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, एआईसीसी सचिव सत्यनारायण पटेल, उनके भाई राधेश्याम पटेल, सुरजीतसिंह चड्ढा, नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, अमन बजाज, राजेश चौकसे, विनय बाकलीवाल, अरविंद बागड़ी और कई पार्षद व पदाधिकारी भी सुबह से शाम तक मौजूद रहे, लेकिन वे भी मतदाताओं को घरों से नहीं निकाल पाए। कांग्रेस के अधिकांश नेता तो पहली ही बार इन कालोनियों की गलियों में घुसे थे और यहां के मतदाताओं को पहचानते तक नहीं थे, इसलिए वे भी ज्यादा कुछ कर नहीं पाए। अब कल परिणाम आना है और सुबह साढ़े 10 बजे तक तय हो जाएगा कि वार्ड की कमान किसके हाथ में रहेगी।
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