जबलपुर। पिछले कुछ दिनों से आईजी ऑफिस में अतिरिक्त बल की चर्चा पूरे पुलिस महकमे में थी। पुलिस कर्मचारियों की पारिवारिक व स्वास्थ्य मजबूरियों का ध्यान रखते हुए बलों को आईजी ऑफिस में अटैच कर दिया जाता था। आईजी उमेश जोगा ने 9 सितंबर को पदभार संभाला। बिंदुवार पुलिस अधीक्षक से चर्चा करते हुए क्राइम ब्रांच के अनावश्यक बल को स्टाफ की कमी से जूझ रहे ट्रैफिक थानों में भेजकर समस्या को समाप्त किया। इसी श्रंखला में आईजी द्वारा पिछले 1 सप्ताह में 80 से अधिक अतिरिक्त बल जो कि आईजी ऑफिस में अटैच थे, उन्हें भी मुक्त कर दिया गया। आईजी कार्यकाल में अपने आप में यह एक बड़ी कार्रवाई है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर मध्य के विधायक विनय सक्सेना इस मामले में विधानसभा 2021 में प्रश्न कर चुके हैं, जिसमें विधायक द्वारा क्राइम ब्रांच व आईजी ऑफिस में अतिरिक्त बल को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद अतिरिक्त बल को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।
चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है फैसला:आई जी
कुछ वक्त से देखा जा रहा था कि आईजी ऑफिस में अतिरिक्त बल की संख्या बढ़ी हुई थी और वर्तमान परिस्थितियों में चुनावी माहौल के चलते थानों में बलों की संख्या कम ही है । स्थानांतरण नीति के नियम अनुसार कोई भी पुलिस कर्मचारी गृह जिले में नहीं रह सकता है और प्रशासन द्वारा अटैचमेंट की प्रक्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी है,इस कारण महीनों में 80 से ज्यादा कर्मचारियों को हटाया गया है और थानों में शिफ्ट किया गया है।
अनावश्यक बल रखने का क्या मतलब: विनय सक्सेना
विनय सक्सेना मामले को शुरू से लेकर आखिरी तक विधानसभा में प्रश्न करते रहे हैं। क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त बल की बात हो या फिर आईजी ऑफिस में अटैच मेंट होकर कार्य कर रहे कर्मचारियों की इन सभी मुद्दे पर विनय सक्सेना ने प्रश्न किया । सूत्रों के अनुसार इन्हीं प्रश्नों के चलते यह कार्यवाही हो रही हैं। विधायक विनय सक्सेना कहते हैं कि शासन के नियमानुसार प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए अगर सचमुच यह बल आपकी जरूरत के हिसाब से आवश्यक है तो इनका बजट बनाकर मंत्रालय में पेश किया जाए, अन्यथा उन्हें वहां भेजा जाए जहां इनकी जरूरत है ।
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