नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएफएम) (International Monetary Fund (IFM)) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ (Gross Domestic Product (GDP) Growth) के अनुमान को घटा दिया है। आईएफएम ने मंगलवार को विकास दर के अपने पूर्वानुमान को 12.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है।
आईएफएम ने अपनी जारी ताजा रिपोर्ट में इसकी वजह कोविड-19 वैक्सीन की कमी और तीसरी लहर की संभावनाओं से ग्रोथ पर पड़ने वाला असर बताया है। गौरतलब है कि देश में कोरोना संक्रमण की वापसी से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है, जिससे आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ने का अनुमान है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ल्ड इकोनॉमी आउटलुक (डब्ल्यूईओ) की ताजा रिपोर्ट आज ही जारी किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि मार्च से मई के दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर की वजह से भारत की ग्रोथ पर असर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि आईएफएम का जीडीपी का यह अनुमान रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अनुमान के बराबर ही है, जोकि 9.5 फीसदी है। वहीं, विश्व बैंक ने भी भारत की आर्थिक विकास की दर 2021 के लिए 8.3 फीसदी और 2022 के लिए 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। (एजेंसी, हि.स.)
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