नई दिल्ली. भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (IFFCO) ने लोकसभा (Lok Sabha) में पेश और पारित त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय बिल (Tribhuvan Cooperative University Bill) 2025 का गर्मजोशी से स्वागत किया। यह ऐतिहासिक निर्णय न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगा बल्कि रोजगार के नए अवसरों को जन्म देगा और सहकारी क्षेत्र को आधुनिक शिक्षा एवं अनुसंधान से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारत को मिला पहला सहकारी विश्वविद्यालय
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि 75 वर्षों में पहली बार भारत को एक समर्पित सहकारी विश्वविद्यालय प्राप्त हुआ है। यह संस्थान नवाचार और शोध के माध्यम से सहकारी आंदोलन को मजबूत करेगा तथा नए नेतृत्व को प्रशिक्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
IFFCO के शीर्ष नेतृत्व की प्रतिक्रिया
IFFCO के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने इसे भारतीय कृषि, किसानों और ग्रामीण विकास के लिए एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कदम सहकारी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
IFFCO के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, यह विश्वविद्यालय सहकारी नेतृत्व को नई दिशा देगा। इससे सहकारी संगठनों से जुड़े लोग आधुनिक प्रबंधन और विपणन में दक्ष बनेंगे।
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताएँ
– हर साल 8 लाख छात्रों को प्रशिक्षण
– सहकारी संगठनों के कर्मचारियों के लिए विशेष कोर्स
– स्थानीय से वैश्विक स्तर तक सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा
– नवाचार और अनुसंधान को प्राथमिकता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना
अंतरराष्ट्रीय सहकारी संघ (ICA) के महानिदेशक श्री जेरोन डगलस ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय वैश्विक सहकारी आंदोलन को नई मजबूती प्रदान करेगा।
IFFCO का समर्थन और भविष्य की उम्मीदें
IFFCO, जो दुनिया की अग्रणी सहकारी संस्था है, इस कदम का पूर्ण समर्थन करता है और आशा करता है कि यह विश्वविद्यालय सहकारी क्षेत्र के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
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