नई दिल्ली। बच्चे अपने मन मर्जी के मालिक होते हैं। हर बच्चे की अपनी विशेषता होती है और साथ ही उनकी पसंद-नापसंद होती है। कुछ बच्चे तो इतने पढ़ाकू होते हैं जो हमेशा आपको कॉपी किताबों में नजर गड़ाए नजर आएंगे। वहीं कुछ ऐसे बच्चे भी हैं जो पढ़ाई का नाम सुनकर दूर भागते हैं। उनका ध्यान पढ़ाई की ओर केंद्रित नहीं रहता है।
ऐसे बच्चे पढ़ाई से जी चुराते हैं। कोरोना महामारी के बाद बच्चों में एकाग्रता की और कमी हो गई है। लेकिन कुछ वास्तु और ज्योतिष उपाय के माध्यम से उनका ध्यान पढ़ाई की ओर केंद्रित करा सकते हैं। उन्हीं उपायों में से एक है बच्चों के कमरे में कैंडल्स यानी मोमबत्ती लगाना। आइए जानते हैं बच्चों के कमरों में किस दिशा में मोमबत्ती लगानी चाहिए जिससे उनका मन पढ़ाई में लगा रहे। इसके साथ ही जानते हैं बच्चों का पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने के अन्य ज्योतिष उपाय।
किस दिशा में जलानी चाहिए मोमबत्ती
बच्चों के कमरे की पूर्वी, उत्तर-पूर्वी या दक्षिणी भाग में मोमबत्ती जलाने से बच्चे पढ़ाई की ओर आकर्षित होते हैं, उनका पढ़ाई में मन लगता है। साथ ही उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।
किस दिशा में मोमबत्ती नहीं जलानी चाहिए
अब तक हमने आपको उन दिशाओं के बारे में बताया जहां कैंडल्स या मोमबत्ती लगाई जा सकती है। लेकिन कुछ ऐसे स्थान भी है जहां कैन्डल्स नहीं जलानी चाहिए। जैसे घर की उत्तरी दिशा में मोमबत्ती लगाने से धन का आगमन बाधित होता है और घर की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए घर के उत्तरी कोने में मोमबत्ती नहीं जलानी चाहिए।
इस दिशा में भी न लगाएं मोमबत्ती
घर के वायव्य कोण, यानी कि उत्तर-पश्चिम दिशा में भी कैंडल्स नहीं रखनी चाहिए। यहां पर कैंडलस, यानी कि मोमबत्ती रखने से परिवार के सदस्यों में अशांति आती है और मन में परिवार के सदस्यों के प्रति जलन की भावना आती है।
स्टडी टेबल और कुर्सी का आकार
स्टडी टेबल का आकार रेक्टेंगल होना चाहिए। अनियमित आकार कुछ लोगों को आकर्षक लग सकता है लेकिन यह पढ़ाई में एकाग्रता को खराब करता है। हो सके तो टेबल को इस तरह रखें कि बच्चे का मुंह दीवार की ओर न हो। ध्यान रहे कि कुर्सी की बैक भी मजबूत हो।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved