नई दिल्ली. शरीर में जमा हुआ स्टबर्न फैट (stuburn fat) यानी चर्बी कम करना काफी मुश्किल वाला काम होता है. स्टबर्न फैट में फैट सेल्स अल्फा -2 रिसेप्टर्स के साथ जुड़े होते हैं, जिससे काफी अधिक मात्रा में फैट जमने लगता है. अन्य फैट की तुलना में यह फैट काफी मुश्किल से कम होता है. इस फैट को कम करने के लिए लोग कई तरीके के तरीके अपनाते हैं. जिसमें हेल्दी डाइट, हैवी वर्कआउट, अच्छा लाइफस्टाइल (Lifestyle) आदि तरीके शामिल होते हैं. इतनी मेहनत के बाद भी कई लोगों के शरीर, पेट, चेस्ट की चर्बी या फैट कम नहीं होता.
हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, एक फल ऐसा भी है, जिसके सेवन से शरीर की चर्बी कम करने में मदद मिल सकती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए जिम (gym) जाने की भी जरूरत नहीं है. बस हफ्ते में सिर्फ 5 दिन आधा घंटे पैदल चलना भी काफी मदद कर सकता है. जिन लोगों के शरीर में अधिक फैट जमा हुआ है, यह तरीका उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है. अगर भी उन लोगों में से हैं जो शरीर की चर्बी कम करना चाहते हैं तो आर्टिकल को आखिरी तक पढ़ें.
क्या कहती है रिसर्च
शरीर की चर्बी कम करने वाली यह रिसर्च चिचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने की है, जिसमें रोजाना 30 मिनिट तेज चलने वाली महिलाओं को शामिल किया गया था. रिसर्च में वैज्ञानिकों ने 7 दिनों के लिए महिलाओं को 600 mg न्यूजीलैंड ब्लैककरंट अर्क (CurraNZ) दिया था. न्यूजीलैंड (New Zealand) ब्लैककरंट अर्क देने का कारण यह था कि उसे सुपरफूड माना जाता है. उसमें एंथोसायनिन का लेवल काफी हाई होता है. एंथोसायनिन, पॉलीफेनोल की एक उपश्रेणी है जो फल-सब्जियों को उनका रंग देता है. ब्लैककरंट में पाए जाने वाले एंथोसायनिन ब्लड फ्लो और फैट बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं.
वैज्ञानिकों ने पाया कि इस सप्लीमेंट ने फैट बर्न करने में 25 प्रतिशत मदद की थी. जिन महिलाओं के शरीर ने अच्छा रिजल्ट दिया था, उन्होंने 66 प्रतिशत अधिक फैट बर्न किया था. जिन लोगों के पैरों में अधिक फैट था, उन लोगों ने हाथ में अधिक फैट वाले लोगों की तुलना में अधिक अच्छा रिजल्ट प्राप्त किया था.
रिसर्चर्स का मानना है कि ऐसा एडिपोसाइट्स, फैट कोशिकाओं के कारण होता है, जिससे पैरों का फैट बर्न करने में अधिक मदद मिलती है. इस रिसर्च से पता चला है कि समान एक्टिविटी के बाद पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में फैट बर्न होने की दर दोगुने से अधिक रहती है.
ब्लैककरंट क्या होता है
‘करंट’ शब्द आंवला फैमिली के साथ लगाया जाता है. ब्लैककरंट सूखे और बिना बीज वाले काले अंगूर से बनता है, जिन्हें ब्लैक कोरिंथ और कैरिना कहा जाता है. करंट को 3 सप्ताह तक सुखाया जाता है. अपने छोटे आकार के कारण उनका स्वाद मीठा और तीखा होता है. किशमिश, सुल्ताना और ब्लैककरंट के न्यूट्रिशन भी लगभग समान होते हैं, बस दिखने में तीनों के रंग अलग-अलग होते हैं. ब्लैककरंट खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती हैं, स्किन को सही रखता है, आंखों की सेहत को सही रखता है आदि.
जिम जाने की नहीं होगी जरूरत
चिचेस्टर यूनिवर्सिटी में एक्सरसाइज फिजियोलॉजी के प्रोफेसर मार्क विलियम्स (Mark Willems) ने कहा, हम इस बारे में गंभीरता में सोच सकते हैं कि एक्सरसाइज और रिस्ट्रिक्टेड डाइट के साथ अगर ब्लैककरंट का उपयोग किया जाए तो बॉडी के वेट मैनेजमेंट के लिए काफी अच्छा सप्लीमेंट साबित हो सकता है.
रिसर्च से मिले रिजल्ट यब साबित करते हैं कि ब्लैककरंट उन लोगों को अधिक लाभ पहुंचा सकता है, जिनका वजन काफी अधिक है, खासतौर पर लोअर बॉडी में. इसके लिए आपको रोजाना जिम जाने की भी जरूरत नहीं है, बस 30 मिनिट की वॉक से भी फायदा मिल सकता है. अगर चलने का समय नहीं मिल रहा है तो घर के काम करना, बागवानी करने से भी फायदा मिल सकता है.
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