नई दिल्ली। महामारी और लॉकडाउन के झटकों से उबरकर अर्थव्यवस्था अब सुधार की राह पर आगे बढ़ रही है। इसके साथ ही नया कारोबार और अन्य उद्यम की शुरुआत करने के लिए कर्ज की मांग में भी इजाफा हुआ है। हालांकि, सिबिल स्कोर खराब होने की वजह से कई बार बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान कर्ज देने से मना कर देते हैं।
कर्ज लेने की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर का अहम रोल होता है। यह अच्छा रहने से आसानी से कर्ज मिल जाता है। कई बार औसत स्कोर पर भी बैंक कर्ज दे देते हैं, लेकिन ज्यादा ब्याज वसूलते हैं। निवेश सलाहकारों के मुताबिक, अपना सिबिल स्कोर बेहतर रखने के लिए पांच गलतियों से बचें।
असुरक्षित या एक साथ कई कर्ज से बचें : सिबिल स्कोर बेहतर रखने के लिए असुरक्षित कर्ज लेने से बचें। पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेना असुरक्षित कर्ज माना जाता है। इसलिए असुरक्षित के साथ सुरक्षित कर्ज का संतुलन बनाएं। होम लोन, एजुकेशन और ऑटो लोन को सुरक्षित कर्ज माना जाता है। इसके अलावा, एक साथ कई कर्ज लेने से भी बचें।
बकाया भुगतान में नियमितता बरतें : अगर लंबे समय तक अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं और कर्ज की मासिक किस्त चुकाने में अनियमितता बरतते हैं तो यह सिबिल स्कोर के लिहाज से अच्छी आदत नहीं है।
संयुक्त खाते को लेकर सावधान रहें : संयुक्त खाता खोलने या लोन गारंटर बनने से हमेशा बचना चाहिए। अगर कर्ज लेने वाला भुगतान में चूकता है तो बतौर गारंटर उसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ेगा।
सिबिल रिपोर्ट पर रखें नजर : क्रेडिट स्कोर में तभी सुधार संभव है, जब उसकी वर्तमान स्थिति की जानकारी हो। इसलिए, सिबिल रिपोर्ट पर नियमित नजर रखें।
न्यूनतम भुगतान की आदत न डालें
क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल नहीं चुकाने की स्थिति में लोग न्यूनतम भुगतान करते हैं। वित्तीय संकट के दौरान थोड़े समय के लिए ऐसा करना ठीक है, लेकिन लंबे समय तक सिर्फ न्यूनतम बिल का ही भुगतान करते रहना अच्छी आदत नहीं है। इससे आपके सिबिल स्कोर पर काफी खराब असर पड़ता है। इसके अलावा, मौजूदा कर्ज की ईएमआई का भी समय पर जरूर भुगतान करते रहे।
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