आज का दिन रविवार (Sunday) है और धार्मिक मान्यता के अनुसार रविवार (Sunday) के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है । आज के दिन विशेष रूप से सूर्य आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। कुंडली में सूर्य के अशुभ या कमजोर होने पर रविवार (Sunday) के उपाय कर सूर्य (surya) के शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है। रविवार (Sunday) के दिन जो भी व्यक्ति संपूर्ण विधि विधान से सूर्यदेव (suryadev) की अराधना करता है उसे हर कार्य में सफलता मिलती है। इस दिन के स्वामी ग्रह सूर्य (surya) है। इस दिन अगर पूर्व दिशा से किसी यात्रा की शुरुआत करें तो बेशक जातक को जरूर सफलता मिलेगी। भास्कर, रवि यानी सूरज को सभी तरह से शुभ माना जाता है। सूरज की आती किरणों से अगर कोई कुछ मांगे तो उसकी हार्दिक इच्छा जरूर पूरी होती है। तो आइये जानतें हैं सूर्यदेव (suryadev) के कूछ सरल उपयों के बारें में –
ये काम होंगे शुभ
रविवार (Sunday) के दिन बाजार से 3 झाड़ू खरीदें और अगले दिन ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर इन झाडुओं को घर के पास स्थित किसी मंदिर में रख आएं।
बस ध्यान रखें कि ऐसा करते हुए आपको कोई देख न पाए।
रविवार (Sunday) की रात को सिरहाने दूध का गिलास रखकर सोएं और सुबह उस दूध को बबूल के पेड़ के जड़ में डाल दें।
इस दिन अपनी मनोकामना को बरगद के पत्ते पर लिखकर कहीं बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
रविवार (Sunday) के दिन ये उपाय
इस दिन तांबे या अन्य सिक्के को बहते पानी में बहाएं।
चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाएं। गेहूं और गुड़ को लाल कपड़े में बांधकर दान करें। सूर्य को उच्च करने के लिए बहते जल में गुड़ और चावल प्रवाहित करें।
सूर्य (surya) विष्णु का रूप है इसलिए सूर्य (surya) पूजा करें।
सुबह सूर्य (surya) को अर्घ्य देना उत्तम होता है।
सुख-शांति के लिए हरिवंशपुराण का पाठ भी करें।
तांबे के दो बराबर के टुकड़े लें। इनमें एक को मन में कोई भी संकल्प लेकर बहते पानी में बहा दें। आपका संकल्प जरूर पूरा होगा।
दूसरा टुकड़ा हमेशा अपनी जेब या पर्स में साथ रखें।
हृदय रोग, पेट के रोग, आंखों की तकलीफ, झूठे आरोप या धन हानि हो तो तांबा या गेहूं का दान करें।
सबसे आसान और प्रसिद्ध उपाय है सूर्य को जल चढ़ाना। उगते सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाते समय सूर्यमंत्रों का जाप करें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इन्हें उपयोग करने वाले व्यक्ति की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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