नई दिल्ली। एक स्वस्थ शरीर (healthy body) के लिए योग करना बेहद जरूरी (Yoga is very important) है, क्योंकि शरीर को फिट रखने के लिए योग और आसनों का अपना ही अलग महत्व होता है. कई ऐसे योगसन हैं, जिनका नियमित अभ्यास करने से शरीर फिट और स्वस्थ बना रहता है. गोरक्षासन (Benefits of Gorakshasana) भी ऐसे ही एक आसनों में से एक है. अगर आप इस आसन का नियमित अभ्यास (regular practice) करेंगे तो बवासीर और पेट के रोगों (Hemorrhoids and stomach diseases) में लाभ मिलेगा. ये पुरुष और महिला दोनों के लिए खास माना जाता है।
सेहत के लिए कैसे खास है गोरक्षासन
गोरक्षासन से शरीर की स्थूलता समाप्त होती है. शरीर की कमजोरी से होने वाले बवासीर, धातुक्षय आदि जैसे रोग दूर होते हैं. मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, पाचन क्रिया सही होती है. नीचे जानिए इसके बारे में…
आसन को करने का सही तरीका
– सबसे पहले सांस लेते हुए दोनों घुटनों को मोड़ें और तलवों को आपस में सटा लें.
– अब सांस छोड़ते हुए दोनों हाथ जमीन पर टिकाकर शरीर ऊपर उठाएं.
– अब दोनों पैरों के पंजों पर इस प्रकार से बैठें कि शरीर का वजन एड़ी के ठीक बीच में पड़े.
– अब पुनः श्वास भरते हुए दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें.
– अंत में सांस रोककर ठोढ़ी को छाती से सटाएं.
– कुछ पल बाद सहज श्वास के साथ सामान्य स्थिति में लौट आएं.
– घुटने, एड़ी का दर्द या चोट होने पर न करें.
गोरक्षासन से मिलने वाले फायदे
-इस आसन के अभ्यास से शुक्र ग्रन्थियों का विशेष व्यायाम होता है.
-इस आसन से पुरुषों के शुक्राणुओं की क्षमता बढ़ती है.
-यह आसन स्वप्नदोष और शीघ्रपतन के दोष से मुक्त करता है.
-इस आसन के अभ्यास से भोजन का अच्छी तरह से पाचन हो जाता है.
-इसके नियमित अभ्यास से स्त्रियों के गर्भाशय से संबंधित रोगों को दूर करने में मदद मिलती है.
-यह योगाभ्यास आपको पेट से सम्बंधित गैस को कम करने में मदद देता है.
-यह योगाभ्यास शरीर के संतुलन बनाए रखने में मददगार है.
किन लोगों को नहीं करना चाहिए गोरक्षासन
-जिन लोगों के घुटनों में दर्द की समस्या है उन्हें गोरक्षासन नहीं करना चाहिए.
-अगर आपकी एड़ी में दर्द की समस्या है, तो इसके अभ्यास से बचें
-आंतों के रोगों और थायरॉइड के कारण मोटापा है, तो ये योगासन न करें.
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