हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवता की पूजा की जाती है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास होता है। भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को जगत का पालनहार भी माना जाता है। कहते हैं सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं (wishes) भगवान विष्णु जरूर पूरा करते हैं। आज बृहस्पतिवार है। भगवान विष्णु की पूजा से गुरु दोष खत्म होते हैं। आइये जानें गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि व व्रत नियम…..
व्रत के नियम
गुरुवार के दिन बाल,दाढ़ी, नाखून आदि नहीं कटवानी चाहिए।
कपड़े और बाल धोना, घर से कबाड़ बाहर निकालना और साबुन का उपयोग करना इस दिन वर्जित माना गया है।
गुरुवार के व्रत में दिन में एक ही बार भोजन करें। इसमें दूध के बने पकवानों से व्रत का पारण करें।
गुरुवार के दिन विष्णु जी की पूजा में दूध, दही और घी का इस्तेमाल जरूर करें।
गुरुवार व्रत पूजा के नियम
गुरुवार व्रत(Thursday fast) को लगातार सात गुरुवार करना चाहिए उसके बाद इसका विधिवत उद्यापन करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर की अशांति और दोषों से मुक्ति मिलती है। मन जाता है कि गुरुवार के व्रत से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
गुरुवार पूजा की विधि
गुरुवार के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा (worship) करनी चाहिए। इस दिन सुबह स्नान आदि करके पूजा स्थल पर बैठें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा का गंगा जल से अभिषेक करें। उसके बाद पूजा की शुरुआत- ऊं नमो नारायणा- मंत्र के जप के साथ करें। इस मंत्र को कम से कम 108 बार जपें। इसके जपने से घर में सुख-शांति आती है। अंत में आरती एवं चालीसा का पाठ करें। अब प्रसाद वितरण करें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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