शरीर में प्रोटीन (Eggs for Protien) की ज़रूरत पूरी करने के लिए जो सबसे आसान ज़रिया है – वो अंडा है. इधर कुछ वर्षों में अंडे की डिमांड (Demand and Supply of Eggs) तेज़ी से बढ़ी है, यही वजह है कि अंडे का व्यवसाय और कमाई का ज़रिया भी बढ़ा है। हालांकि कम ही लोगों को पता होगा कि अंडे का अहम ज़रिया मानी जाने वाली मुर्गी के अलावा भी एक पक्षी है, जो अंडे की डिमांड भी पूरी कर सकता है और अच्छी इनकम भी देता है।
जिस पक्षी (Quail Farming gives profit) की हम बात कर रहे हैं, वो साल भर में 280 से 300 अंडे तक दे देती है, जबकि मुर्गी की बात करें तो ये 150-200 अंडे तक ही देती है। इस पक्षी को क्वेल (quell) कहा जाता है और आम भाषा में इसे जापानी बटेर भी कहते हैं। इस पक्षी की खास बात ये है कि इसका विकास काफी तेज़ी से होता है और ये 5 हफ्ते के अंदर ही बड़े हो जाते हैं।
इतने अंडे कैसे देती है बटेर (Quail)?
जापानी बटेर या फिर क्वेल हर साल 3-4 पीढ़ियों को जन्म देने की क्षमता रखती है। ऐसा इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि ये 45 दिन की होने के साथ ही अंडे देने में सक्षम हो जाती है। हैरानी की बात ये है कि इसकी उत्पादन की क्षमता जल्दी शुरू हो जाती है और लंबी चलती है। यही वजह है कि मादा बटेर या क्वेल सालभर में 280 से 300 तक अंडे दे सकती हैं। इनके अंडे में पोषक तत्व भी मुर्गी के अंडे की तुलना में अधिक होता है और इनकी संख्या भी तेज़ी से बढ़ती है।
संक्रमण को आसानी से झेल लेते हैं क्वेल
क्वेल पक्षी की खासियत ये भी है कि ये किसी भी संक्रमण को आसानी से झेलने में सक्षम हैं। इन्हें मुर्गी या बतखों की तरह वैक्सीनेशन की ज़रूरत नहीं होती। ज़बरदस्त प्रजनन क्षमता वाले बटेरों के पालन को अब बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि ये दाना भी मुर्गियों की तुलना में कम खाती हैं और इन्हें पालने के लिए ज्यादा जगह की ज़रूरत नहीं होती है। मुर्गियों के स्थान पर हाई प्रोटीन वाले अंडों के विकल्प में शुतुरमुर्ग के अंडे भी बेहतरीन विकल्प हैं। हालांकि इनको पालना आसान नहीं होता, लेकिन शुतुरमुर्ग (ostrich) का एक अंडा 10 मुर्गी के अंडों के बराबर होता है।
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