इंदौर। मंडी प्रशासन द्वारा 1 जून से नया नियम लागू करते हुए 2 लाख तक का नकद भुगतान देने के आदेश जारी किए गए हैं, जिसका व्यापारियों ने विरोध करते हुए कल मंडी बंद कर दी। मंडी सचिव नरेशकुमार परमार सहित अन्य अधिकारी मंडी पहुंचे और व्यापारियों को पहले तो समझाइश दी, लेकिन वे ना- नुकुर करने लगे तो अधिकारियों ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए स्पष्ट कहा कि अगर मंडी में व्यापार करना है तो नियम-कानून से चलना पड़ेगा। शासन ने 2 लाख तक का नकद भुगतान करने का नियम बनाया है। अगर व्यापार करना है तो इसे देना ही पड़ेगा। अगर नहीं माने तो दिक्कत में आ जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कल सुबह इंदौर जिले के किसान उपज लेकर मंडी गए और नीलामी शुरू हुई, तभी व्यापारियों ने नकद देने का विरोध करते हुए नीलामी रोक दी थी।
लक्ष्मीबाई नगर मंडी में सुचारु रूप से चल रही है व्यवस्था
लक्ष्मीबाई नगर मंडी में सभी व्यापारियों द्वारा किसानों को 2 लाख तक का नकद भुगतान किया जा रहा है। यहां 300 व्यापारी हैं, जो इंदौर जिले के गांवों से उपज लेकर आए किसानों का माल खरीदकर उन्हें 2 लाख तक का नकद भुगतान मौके पर ही कर रहे हैं। शेष राशि आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में दे रहे हैं। मंडी सचिव नरेशकुमार परमार ने बताया कि आज से छावनी मंडी में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। अगर किसी किसान को व्यापारी राशि भुगतान करने में आनाकानी करता है तो वह सीधे मंडी अधिकारियों से शिकायत करे, तुरंत समाधान किया जाएगा।
किसानों को नाराज नहीं करना चाहता प्रशासन
वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत के चुनाव हैं, इसलिए प्रशासन किसानों को नाराज नहीं करना चाहता। व्यापारी जहां नकद भुगतान की झंझट से बचना चाहते हैं, वहीं प्रशासन द्वारा उन्हें किसानों को 2 लाख तक के नकद भुगतान के लिए बाध्य किया जा रहा है। यह लड़ाई काफी दिनों से चल रही है। अब प्रशासन ने व्यापारियों को अल्टीमेटम भी दे दिया है। व्यापारियों पर चुनाव तक यह दबाव जारी रहेगा।
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