भोपाल। संपूर्ण विश्व इस समय कोरोना (कोरोना-19) वायरस के संक्रमण (virus infection) से गुजर रहा है। इस संकमण ने आम आदमी के रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत प्रभावित किया है। इस बीच संक्रमण की अलग-अलग प्रकार की आई लहर के दौरान बहुत से लोगों ने अपने रिश्तेदारों, पारिवारिक सदस्यों तथा मित्र मंडली में से कई लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर हानि होते देखा है। कुछ प्रकरणों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
अतः दोस्तों, फिर यह बीमारी सर नहीं उठा सके, फिर हमें यह सब सहन न करना पड़े, फिर यह बीमारी विकराल रूप धारण न कर सके तथा वैसे दिन न देखना पड़े, इसके लिये हमें कुछ सावधानियां रखनी आवश्यक है। इसी विषय को लेकर शनिवार को यहां म.प्र. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिट्रियाक्स के सचिव और गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग डॉ. राजेश टिक्कस ने अपने अनुभव साझा किए हैं।
टीकाकरण: संक्रमण पर विजय प्राप्त करने का सबसे बड़ा हथियार
जैसे विगत एक वर्ष से बातें भी हो रही हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये हमें कुछ नियमों का पालन करना चाहिये। इसी को लेकर डॉ. राजेश कहते हैं कि इनमें सबसे पहला नियम ये आता है कि हमें सही तरीके से मास्क का उपयोग करना चाहिये। इसके अलावा नियमित रूप से साबुन से हाथों को धोना है तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना है। सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए पब्लिक प्लेस में प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी का ध्यान रखना है। इससे भी ज्यादा आवश्यक है कि जितना हो सके भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें। हमें पहले से भी ज्यादा अब इन सभी नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है। इसके अलावा जो बहुत बड़ा हथियार है जिससे इस कोरोना-19 के संक्रमण पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, वो है टीकाकरण।
देश में कोरोना के प्रमुखतों से दो टीके उपलब्ध
हमारे देश में वर्तमान में कोरोना से बचाव के लिए दो टीके उपलब्ध हैं। इनमें से एक वैक्सीन पूरी तरह से भारत में ही निर्मित हुई है तथा दूसरी का निर्माण भारत में हो रहा है। ये दोनों ही वैक्सीन कोरोना संकमण से बचाव में कारगर है तथा इनके डोज की उचित मात्रा व दोनों डोज लगवाने पर कोरोना संक्रमण से बहुत हद तक बचाव हो जाता है। जब हम टीकाकरण के द्वारा अपना बचाव कर लेते हैं तो परोक्ष रूप से हम दूसरों का भी कोरोना संक्रमण से बचाव कर लेते हैं।
वे कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए वैक्सीनेशन जरूर करवायें। इस तरह न केवल आप कोरोना से स्वयं का बचाव कर सकते हैं बल्कि अपने परिजनों, मित्रों तथा मिलने-जुलने वालों एवं आस-पास के सभी लोगों को कोरोना से बचाने के लिये अपना उत्तरदायित्व निभाते हैं। जब आप स्वयं संक्रमित नहीं होंगे तो आपके परिवार में छोटे बच्चे, अन्य परिजन तथा आपके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों तक कोरोना संकमण आपके द्वारा संचारित नहीं होगा ।
बच्चों को कोरोना संक्रमण से ऐसे बचाया जा सकता है
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में प्रोफेसर बाल्य एवं शिशु रोग विभाग डॉ. राजेश टिक्कस कहते हैं कि जब हम खुद वैक्सीनेटेड हो जाते हैं तो गंभीर बीमारियाँ हमें नहीं होती है तथा किसी न किसी रूप में यह हमारे परिवार को भी सुरक्षित करता है। परिवार के अन्य लोगों का यदि वैक्सीनेशन हो जाता है तो बच्चों को स्वयं ही इस संक्रमण से सुरक्षा मिल जाती है। बच्चों की कोरोना से सुरक्षा बड़ों को लगे कोरोना टीके से है, इसलिए सभी 18 वर्ष से जिनकी आयु अधिक हो गई है, उन्हें अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगवा लेना चाहिए। इससे बहुत हद तक हमारे घरों के बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे ।
भ्रांतियों से रहें दूर, टीके का कोई गंभीर प्रभाव नहीं
डॉ. राजेश टिक्कस का कहना है कि प्रायः देखने में आ रहा है कि वैक्सीनेशन से संबंधित अनेक भ्रांतियाँ लोगों के बीच में फैली हुई है जैसे वैक्सीनेशन के उपरांत उन्हें गंभीर साइड इफेक्ट हो जाएंगे या उनके स्वास्थ पर विपरीत असर पड़ेगा वास्तव में ये भ्रांतियाँ निराधार है तथा इनके प्रमाण में कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। वैक्सीनेशन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है, हाँ कुछ साधारण साइड-इफेक्ट देखे जा सकते हैं जैसे हल्का बुखार आना, बदन दर्द होना तथा सरदर्द आदि जो एक या दो दिन में स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। वैक्सीनेशन के दौरान ऐसा होना स्वभाविक बात है तथा ये साइड इफेक्ट भी सबको नहीं होते हैं। इस तरह के साइड इफेक्ट कई अन्य वैक्सीन में जैसे बच्चों को अन्य रोगों से बचाव हेतु लगाये जाने वाले वैक्सीन में भी देखे जाते हैं। ये उसी तरह के साइड-इफेक्ट है, जो बिलकुल भी चिंताजनक नहीं है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि वैक्सीन से हमें जो कोरोना-19 जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारी से सुरक्षा मिल रही है, उसकी तुलना में ये छोटे-छोटे साइड इफेक्ट बहुत ही नगण्य हैं।
टीकाकरण के बाद भी इन उपायों का रखना होगा ध्यान
म.प्र. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडिट्रियाक्स के सचिव डॉ. राजेश का कहना यह भी है कि वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ, नर्स तथा अन्य फ्रंटलाइन वर्कर जैसे पुलिस, आपातकालीन सेवा प्रदान करने वाले कर्मचारी तथा अत्यावश्यक सेवाओं हेतु तैनात कर्मियों का टीकाकरण हो चुका है तथा ये पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने टीका लगवाकर कोरोना से अपना बचाव कर लिया है। कोरोना संक्रमण से स्वयं को और खुद के संपर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों हेतु वैक्सीन का सुरक्षा कवच सुनिश्चित कर वे 24 घण्टे आपकी सेवा में उपस्थित हैं। अतः स्वयं के प्रति और अपने परिवार और समाज के प्रति इस वैश्विक आपदा के समय अपनी जिम्मेदारी निभाएं और टीका अवश्य लगवाएं। वैक्सीनेशन के उपरांत भी मास्क का नियमित उपयोग करना है तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में नहीं जाना है। इस तरह हम कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग जीत सकते हैं।