नई दिल्ली। भारत में सोना (Gold) में निवेश सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। भारतीयों के बीच सोने में निवेश एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है और इसे काफी सुरक्षित माना जता है। लेकिन आपको जानकारी होनी चाहिए कि एक निश्चित सीमा से अधिक सोना खरीदने पर आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की गाइडलाइन के अनुसार एक तय सीमा से अधिक सोना नहीं खरीदना चाहिए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Departmen) के अनुसार अगर आप सोना खरीदते हैं तो जरूरी है कि आप इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी जानकारी दें। गाइडलाइन के अनुसार, निश्चित सीमा से ज्यादा सोने की खरीदारी पर चालान नहीं होने पर आपसे आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत पूछताछ की जा सकती है।
जानिए एक आदमी कितना सोना रख सकता है?
आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई गोल्ड कहां से आया है, इसका वैलिड सोर्स व प्रूफ देता है तो वह घर में जितनी मर्जी उतना सोना रख सकता है, लेकिन अगर कोई बिना इनकम सोर्स बताए घर में सोना रखना चाहता है तो इसकी एक लिमिट है। नियमों के तहत विवाहित महिला घर में 500 ग्राम, अविवाहित महिला 250 ग्राम और पुरुष केवल 100 ग्राम सोना बिना इनकम प्रूफ दिए भी रख सकते हैं। तीनों कैटेगरी में तय सीमा में सोना घर में रखने पर आयकर विभाग सोने के आभूषण जब्त नहीं करेगा।
जानें, क्या कहता है नियम
सीबीडीटी ने 1 दिसंबर 2016 को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि अगर किसी नागरिक के पास विरासत में मिले गोल्ड समेत, उसके पास उपलब्ध सोने का वैलिड सोर्स है और वह इसका प्रमाण दे सकता है तो नागरिक कितनी भी गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स रख सकता है।
भारतीयों में असीमित सोना खरीदने की धारणा
भारत में लोगों को अपने पूर्वजों और रिश्तेदारों से बिना इनवाइस के सोना मिलता है। अगर किसी को गिफ्ट के तौर पर 50000 रुपये से कम की गोल्ड ज्वैलरी मिलती है या विरासत/वसीयत में गोल्ड, गोल्ड ज्वैलरी व ऑर्नामेंट्स मिले हैं तो वे टैक्सेबल नहीं हैं, लेकिन ऐसे मामले में भी साबित करना होगा कि यह सोना गिफ्टेड है या विरासत में मिला है।जानकारों का मानना है कि इनवाइस के साथ सोना रखना कोई दिक्कत नहीं है लेकिन इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त देनी चाहिए। भारतीयों में सोने को लेकर धारणा है कि वह असीमित सोना खरीद सकते हैं।
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