नई दिल्ली। नया महीना शुरू होने के साथ ही कई तरह के नए बदलाव भी देखने को मिलते हैं। कई नियम बदल जाते हैं तो कई नए नियम लागू कर दिए जाते हैं। जैसा कि मालूम है कल यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में अगर आप क्रिप्टो निवेशक है तो आपको सचेत होने की जरूरत है। क्योंकि नए वित्त वर्ष के साथ ही आप पर टैक्स का बोझ भी बढ़ने वाला है।
31 मार्च तक नहीं होगा घाटा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2022 के दौरान की गई घोषणा के अनुसार, एक अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी या एनएफटी या अन्य क्रिप्टो एसेट से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी तक टैक्स देना होगा। इसके साथ ही इसे ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस भी काटा जाएगा। तो अगर आपने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है तो आज ही इसे बेच दें। क्योंकि अगर एक निवेशक 31 मार्च तक क्रिप्टो बेचता है, तो इस वित्त वर्ष में हुआ मुनाफा उसकी आय में जुड़ जाएगा और व्यक्ति जिस टैक्स स्लैब में आएगा उसी अनुसार टैक्स कटेगा। वहीं, एक अप्रैल से क्रिप्टो पर मिले रिटर्न पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा, चाहे आप किसी भी टैक्स स्लैब में क्यों न आते हों।
नहीं किया जा सकेगा सेट-ऑफ
गौरतलब है कि सरकार ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स को व्यापारिक खर्च के साथ सेट ऑफ नहीं किया जा सकता। इसके टीडीएस को सिर्फ क्रिप्टो टैक्स के साथ सेट-ऑफ कर सकते हैं। अगर आपको क्रिप्टो में नुकसान होता है, तो एक अप्रैल के बाद आप अपने उस नुकसान को दूसरे एसेट्स से हुए मुनाफे से एडजस्ट नहीं कर पाएंगे। यह नियम उन निवेशकों के लिए काफी नुकसानदायक होगा, जो एक अप्रैल के बाद नुकसान में क्रिप्टो एसेट बेचेंगे।
क्रिप्टो से आय का इतना हिस्सा कटेगा
बता दें कि वित्त मंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में क्रिप्टोकरेंसी शब्द का इस्तेमाल कहीं नहीं किया, लेकिन वर्चुअल करेंसी और डिजिटल एसेट पर हुए एलान से उनका इशारा इसी ओर रहा था। वित्त मंत्री ने वर्चुअल करेंसी या डिजिटल एसेट से होने कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का एलान किया। इसे ऐसे समझें कि मान लीजिए आपने क्रिप्टोकरेंसी में 1 लाख रुपये का निवेश किया, इस निवेश के बाद आपको 50 हजार रुपये का फायदा हुआ, तो सरकार टैक्स के रूप में इस 50 हजार रुपये के मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स काटेगी यानी क्रिप्टो से आपको हुई इस कमाई में से 15000 रुपये सरकार के खाते में जाएंगे। क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला जरूर है लेकिन भारत के क्रिप्टो निवेशक इसे सरकार का एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। यह कदम अंततः निवेशकों को इस जोखिम भरे क्रिप्टो बाजार में अपना पैसा लगाने का निर्णय लेते समय दो बार सोचने के लिए मजबूर करेगा।
उपहार में लेने वाले पर लगेगा टैक्स
इसके अलावा वित्त मंत्री ने ऐसी किसी भी संपत्ति को उपहार में देने के मामले में भी भारी-भरकम 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा अपने बजट भाषण में की है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर आप किसी को 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार स्वरूप देते हैं, तो जिसे आप ये कीमती उपहार दे रहे हैं यानी इसे पाने वाले पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लागू होगा। आप 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी उपहार में देंगे तो ऐसे में उसे इसका 30 फीसदी या 30,000 रुपये सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा।
एक फीसदी टीडीएस का कैलकुलेशन
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यह दरअसल इनकम टैक्स का ही एक हिस्सा है। सरकार की घोषणा की बात करें तो किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर आपको 1 फीसदी का टीडीएस भरना होगा। आसान भाषा में समझें तो अगर आपने 1 लाख रुपये की क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन किया तो इस लेन-देन की रकम आपके खाते में आने पर उससे 1 फीसदी टीडीएस के तौर पर काट लिए जाएंगे। टीडीएस कटने से सरकार को आपके खाते से किए गए क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा मिल जाएगा। मतलब एक प्रकार से टीडीएस दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर नजर रखने के लिए लगाया गया है।
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