नई दिल्ली। अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. दरअसल, देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपने ग्राहकों को केवाईसी (KYC) डिटेल्स अपेडट करना अनिवार्य है. बैंक ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी की दूसरी लहर के चलते स्थानीय स्तर पर लागू किए जा रहे लॉकडाउन से ग्राहकों को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर डाक या मेल के जरिए KYC दस्तावेज जमा कराने की इजाजत दी है.
केवाईसी अपडेट नहीं होने के कारण 31 मई तक ग्राहकों के खातों को आंशिक रूप से बंद न किया जाएगा. लेकिन 31 मई के बाद आपका बैंक अकाउंट आंशिक रूप से बंद हो जाएगा. ऐसे होने पर आप तब तक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे, जब तक आप केवाईसी डॉक्यूमेंट्स नहीं जमा कर देते.
कब करना पड़ता है KYC
केवाईसी अपडेट हाई रिस्क वाले ग्राहकों को कम से कम दो साल में एक बार, मध्यम जोखिम वाले ग्राहकों को 8 साल में एक बार और निम्न जोखिम वाले ग्राहकों को हर 10 साल में एक बार करना पड़ता है.
KYC नहीं कराया तो क्या होगा?
केवाईसी पूरी नहीं किए जाने की स्थिति में आपके खाते में भविष्य में किए जाने वाले लेन-देन पर रोक लगाई जा सकती है. कई राज्यों में स्थानीय प्रतिबंध या लॉकडाउन के मद्देनजर शाखाओं को डाक के माध्यम से दस्तावेज भेजकर केवाईसी अपडेट कराया जा सकता है.
SBI KYC अपडेशन के लिए डॉक्यूमेंट्स
एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, केवाईसी के लिए आपके पास ये डाक्यूमेंट्स होने चाहिए-
इंडिविज्युअल्स
पासपोर्ट
मतदाता पहचान पत्र
ड्राइविंग लाइसेंस
आधार पत्र/कार्ड
नरेगा कार्ड
PAN कार्ड
क्यों जरूरी होता है केवाईसी
केवाईसी के जरिये बैंक को अपने कस्टमर को जानने का मौका मिलता है. यहां जानने का मतलब है कि कस्टमर को वेरीफाई करने में सुविधा होती है. बैंक यह जानना चाहता है कि उसके जरिये होने वाली लेन-देन में कोई गड़बड़ी तो नहीं.
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