हमारे आयुर्वेद में हर चीज के खाने के फायदे और नुकसान दिए गए है। इसका सालों तक गहन अध्ययन किया गया है। उसके बाद ही किसी भी खाद्य पदार्थ के गुण और अवगुण बताए गए है। हमारे देश में पाइल्स की समस्या आम है। लेकिन लोग इसे बताने में थोड़ा शर्माते है। लेकिन इसे ठीक करने के लिए कुछ घरेलू नुख्से भी है। आज हम उनके ही बारे में बता रहे है।
खेसारी की दाल दिखने में अरहर की दाल की दाल की तरह होती है। इस कारण ज्यादातर लोग इसे अरहर की दाल समझ बैठते हैं। वहीं आपको बता दें कि आयुर्वेद के हिसाब से खेसारी दाल का सेवन कई तरह की बीमारी की परेशानी से बचाता है। जिसमें एक परेशानी पाइल्स है। खेसारी की दाल के सेवन से पाइल्स बीमारी का उपचार किया जाता है। इसी बीच हम आपको खेसारी दाल के गुणों के बारे में भी बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं इन गुणों के बारे में।
इसकी तासीर ठंडी होती है, रात में खाने से बचना चाहिए
खेसारी की दाल की तासीर ठंडी होती है। इसलिए लोग इसे रात में खाने से बचते हैं। दोपहर में इसे खाने की सलाह दी जाती है।
इस दाल का स्वाद हल्का सा कसैली और मीठा होता है। बॉडी में पित्ते बढऩे की दिक्कत होने पर भी खेसारी की दाल का सेवन किया जाता है। यह पित्त नाशक होती है। इसके साथ ही यह शरीर को शारीरिक ताकत बढ़ाने का काम करती है।
इस दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाए जाते हैं। इस दाल की खासियत है कि इसमें और इसके तेल में विरेचक के गुण पाए जाते हैं। इस कारण यह पेट के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है।
कब्ज से राहत दिलाने में खेसारी की दाल काफी मदद करती है। इसके साथ ही ये डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करता है। आंतो में अल्सर की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
इन बीमारियों से दिलाती है राहत
– हड्डियों की कमजोरी दूर करती है
– ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से दूर रखती है
– इंटरनल इंफ्लेमेशन से बचाती है
– पेट में एसिड नहीं बनने देती है
– पेट को शीतलता देती है
– बवासीर की पीड़ा को नैचरली कम करती है
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