नई दिल्ली । चिलचिलाती धूप से घर आते ही पीने को एक गिलास ठंडा फ्रिज का पानी मिल जाए तो तन-मन को ठंडक मिलने के साथ आत्मा भी तृप्त हो जाती है। अगर आपका हाल भी कुछ ऐसा ही है और आप भी ठंडा पानी(Cold Water) पीने के शौकीन हैं तो अपनी ये आदत तुरंत बदल डालिए। सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन क्या आप जानते हैं आपका ये शौक आपको बीमार बना सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
ठंडा पानी पीने के 7 बड़े नुकसान-
कब्ज की समस्या-
अगर आपको पहले से ही कब्ज की शिकायत है तो भूलकर भी ठंडा पानी न पिएं। ठंडा पानी पीने से आपकी परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। दरअसल, जब आप ठंडा पानी पीते (Thanda pani peene ke nuksan) हैं, तो भोजन शरीर से गुजरते समय सख्त हो जाता है और आंतें भी सिकुड़ जाती हैं, जो कब्ज के प्रमुख कारणों में से एक है। कोशिश करें कि न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म पानी पिएं।
सिरदर्द की समस्या –
बहुत अधिक ठंडा पानी या बर्फ वाला पानी पीने से ब्रेन फ्रीज की समस्या हो सकती है। ठंडा पानी सिर पर मौजूद क्रॉनियल नस को भी अफेक्ट करती है जिससे सिर में तेज दर्द होता है। आमतौर पर गर्मियों के मौसम में तेज सिर दर्द होने पर लोग यही सोचते हैं कि दर्द तेज धूप के कारण सिर में दर्द हो रहा होगा मगर दर्द का असली कारण तेज धूप से सीधे आकर ठंडा पानी पीना होता है। जिन लोगों को साइनस की समस्या है, उनके लिए मुसीबत और ज्यादा बढ़ सकती है।
वेट लॉस में मुश्किल-
ठंडा पानी शरीर के फैट को सख्त बना देता है, जिससे वसा को जलाने में समस्या आने लगती है। कोशिश करें कि कम से कम ठंडा पानी पिएं और ज्यादा से जयादा गर्म पानी पिएं। गर्म पानी से आपकी बॉडी में मौजूद फैट आसानी से बाहर निकल सकता है।
एनर्जी लेवल डाउन-
ठंडा पानी पीने से बॉडी में मेटाबॉलिज्म स्लो काम करने लगते हैं और शरीर में ज्यादा काम करने की क्षमता नहीं रह जाती है। दरअसल, ठंडा पानी शरीर से फैट को रिलीज नहीं कर पाता है, जिस वजह से शरीर सुस्त रहता है और एनर्जी लेवल डाउन हो जाता है।
गले में इन्फेक्शन-
ठंडे पानी पीने से आपकी आवाज भी खराब हो सकती है। ठंडा पानी गले में इन्फेक्शन पैदा करने के साथ कफ का कारण भी बन सकता है। कफ से बुखार और खांसी भी हो सकती है। इस लिए ठंडे पानी की जगह नॉर्मल पानी ही पीया जाए तो अच्छा होगा।
हार्ट रेट होती है कम-
ठंडा पानी आपकी हार्ट रेट को कम करता है क्योंकि इससे गर्दन के पीछे मौजूद एक नस प्रभावित होती है जो हार्ट रेट को धीमा कर देती है। वेगस नर्व पानी के कम तापमान से सीधे प्रभावित होती है, जिससे हृदय गति अंततः धीमी हो जाती है। यह दिल के लिए सही नहीं होता है, क्योंकि इससे हार्ट से संबंधित कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करते है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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