कृष्णगिरी। श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ धाम (Shri Parshwa Padmavati Shakti Peeth Dham) के पीठाधिपति, राष्ट्रसंत, सर्व धर्म दिवाकर, पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजय जी (Dr. Vasantvijay) म.सा. ने अपने दैनिक प्रवचन में कहा कि नि:संकोच मां-बाप से ममतामयी कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि माता-पिता के समक्ष आप गलती स्वीकारोगे और दोनों आंखों से आंसु बहा दोगे तो इतना हल्का दिल हो जाएगा। एक क्षण में सभी चीजों को वे भूल जाएंगे तथा आपके दुख संताप से भी निश्चित ही छूटकारा मिलेगा।
पूज्य गुरुदेव बोले, जीवित माता-पिता यदि आपको क्षमा दे देंगे तो आगे के 100 जन्मों का आशीर्वाद आपको मिल जाएगा तथा हर काम चमत्कारिक रुप से सिद्ध भी होंगे। उन्होंने बताया कि दिल से माफी मांगेंगे तो निश्चित आपका कोई भी काम नहीं रुकेगा। मन में धन्यवाद का भाव आएगा, माफी मांगने, मुंह में मीठे बोल होंगे तो सब काम अच्छा होगा। हाथ जोड़कर माफी मांगे कर दिल से ‘शिखर मुद्रा’ से प्रयोजन करें। उन्होंने कहा कि शरीर सुख के लिए ही जन्म लिया है। गलती महसूस करेंगे तो निश्चित हर समय सुखी ही रहेंगे। जहां करोड़ों उपाय काम नहीं किए वहां शिखर मुद्रा सभी प्रकार के दुखों को खत्म कर देगी। माता-पिता से क्षमा रुपी याचना कर उन्हें प्रसन्न करने से उन्हें सर्वशिरोमणी बनाकर मनुष्य अपने जीवन व भाग्य को चमका सकता है।