नई दिल्ली: अक्सर नौकरीपेशा लोगों के पास एक या उससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड होता है. जरूरत पड़ने पर आदमी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर लेता है. चाहे वो सामान खरीदने में हो या फीस भरने में. लेकिन अगले महीने जब उसे भरने का समय आता है तो आदमी के पास बैलेंस नहीं होता. और वो मिनिमम पेमेंट करके अगले महीने तक के लिए पेमेंट टाल देता है.
इसके साथ ही समस्या ये होती है कि अगले महीने कोई और खर्च आ जाता है और हम मिनिमम पेमेंट भरके फिर काम चला लेते हैं. अगर आप भी ये कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए. इस मिनिमम पेमेंट के चक्कर में आप बहुत अधिक ब्याज भर रहे होते हैं. बारीकी से देखेंगे तो मिनिमम पेमेंट आप करते रहते हैं लेकिन मूलधन कम नहीं होता है.
48 प्रतिशत तक ब्याज
इस मामले में होता ये है कि अगर आप सिर्फ मिनिमम ड्यू पे करते हैं तो आपको बकाए रकम पर 2 से 4 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है. यह ब्याज दर सालना आधार पर 24 से 48 प्रतिशत तक हो जाता है. यह ब्याज दर सभी तरह के लोन से महंगी पड़ती है. जैसे पर्सनल लोन पर आप सालाना 12 से 15 परसेंट ब्याजा देते हैं. होम लोन पर 7 से 9 फीसदी, ऑटो लोन 8 से 12 फीसदी तक पड़ता है. लेकिन क्रेडिट कार्ड वाला आपको 48 परसेंट तक ब्याजा चिपकाता और आपको पता भी नहीं चलता. इसलिए अगर आप भी मिनिमम पेमेंट करके काम चला रहे हैं तो सावधान हो जाइए और जल्दी से जल्दी भुगतान करके मुक्त हो जाइए.
अगली खरीद पर नुकसान
दूसरा बड़ा नुकसान ये होता है कि जब आपके कार्ड पर आउस्टैंडिंग बैलेंस रहता है तो अगली खरीद पर इंट्रेस्ट-फ्री पीरियड की सुविधा खत्म हो जाती है. आगे की खरीदारी पर पहले दिन से ब्याज जुड़ने लगता है और मोटा ब्याज चुकाना पड़ता है. पेमेंट करने की स्थिति नहीं हो तो EMI करवा लें. EMI पर आपको सालाना 15 से 18 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा.
समय पर करें बिल का भुगतान
क्रेडिट कार्ड कंपनियां ऐसे ग्राहकों को पसंद करतीं हैं, जो समय पर बिल का भुगतान नहीं करते. ज्यादातर कंपनियां अपने ग्राहकों को ई-मेल, एसएमएस से रिमाइंडर भेजती हैं. ऐसे रिमांइडर को नजरअंदाज न करें. हमेशा तय बिल साइकिल पर भुगतान कर दें. पेमेंट नहीं करने पर बकाए पर ब्याज तो लगता ही है, जुर्माना भी देना पड़ता है. साथ ही अगले महीने की गई खरीदारी भी इंट्रेस्ट फ्री नहीं रह जाती है. सबकुछ चुकाने के बाद आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री बिगड़ जाते हैं. इससे भविष्य में किसी तरह के लोन या दूसरा क्रेडिट कार्ड लेने का रास्ता बंद हो सकता है.
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