किडनी (kidney) हमारे शरीर का एक अति महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रक्त (blood) से अतिरिक्त पानी, खनिज और अपशिष्ट पदार्थ (Waste material) को फिल्टर (Filter) कर मूत्र के माध्यम से बाहर निकालती है। हालांकि इस दौरान अधिक सोडियम, कैल्शियम और प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ, पानी की कमी और पर्याप्त फाइबर का अभाव किडनी में स्टोन यानी पथरी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में अक्सर उलझन रहती है कि क्या खाएं और क्या न खाएं?
किडनी स्टोन तब होता है, जब किडनी में छोटे ठोस पदार्थ जमा हो जाते हैं, जो सामान्यतः मिनरल्स और सॉल्ट्स से बने होते हैं। इनमें कैल्शियम, ऑक्सलेट, यूरिक एसिड और फॉस्फेट जैसे तत्व शामिल होते हैं। पथरी आकार में छोटी से लेकर बड़ी हो सकती है और किडनी या मूत्र मार्ग में फंस कर दर्द एवं रक्त स्राव का कारण बनती है।
किडनी स्टोन के कारण और लक्षण
किडनी में स्टोन बनने के मुख्य कारणों में पानी की कमी, अस्वास्थ्यकर आहार, उच्च कैल्शियम तथा ऑक्सलेट का सेवन और जीन का प्रभाव शामिल हैं। वहीं जब पथरी किडनी में बन जाती है तो यह पेट या पीठ में तेज दर्द, उल्टी और मूत्र में खून आने जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। सही उपचार के लिए समय रहते डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है, ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।
पथरी के मरीज क्या खाएं?
पथरी के मरीजों के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि वे अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें, खासकर पानी और ताजे जूस, जैसे- नींबू और नारियल पानी। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जो पथरी को नरम कर देता है और उसे मूत्र के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही पथरी से बचने और उसे ठीक करने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया, ओट्स और साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। वहीं किडनी पथरी के मरीजों को कम सोडियम और प्रोटीन वाला आहार लेना चाहिए। अत्यधिक नमक का सेवन पथरी के आकार को बढ़ा सकता है, इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियों, फल और कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत, जैसे दाल तथा राजमा का सेवन करें।
पथरी के मरीज करें इन चीजों से परहेज?
किडनी स्टोन के मरीज अधिक नमक और सोडियम के सेवन से बचें। अत्यधिक नमक से किडनी पर दबाव पड़ता है और पथरी बनने की आशंका बढ़ जाती है। प्रोसेस्ड फूड्स और पैकेज्ड स्नैक्स में अधिक मात्रा में सोडियम होता है, इसलिए इनसे परहेज करें। तला हुआ और अधिक मसालेदार खाना पाचन तंत्र को प्रभावित करता है और किडनी स्टोन के मरीजों की परेशानी को बढ़ा सकता है।
इसके साथ ही मांसाहारी भोजन में प्रोटीन की अधिकता होती है, जो किडनी पर दबाव डालती है। ऑक्सलेट भी किडनी स्टोन का एक सामान्य कारण है, इसलिए अधिक मात्रा में ऑक्सलेट युक्त खाद्य सामग्री से बचें, जैसे कि पालक, चॉकलेट और नट्स।
किडनी स्टोन को रोकने और प्रबंधित करने में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किडनी स्टोन के प्रकार, जैसे- कैल्शियम ऑक्सलेट, यूरिक एसिड, स्ट्रुवाइट या सिस्टीन के आधार पर आपको अपने आहार में परिवर्तन करने होते हैं। याद रखें, इस दौरान आपको अधिक खनिज युक्त आहार का सेवन नहीं करना है, इसलिए अपने आहार में पोषक तत्वों की सही मात्रा का ध्यान रखें। आप इस दौरान ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेटेड रहें और प्रतिदिन 2.5-3 लीटर पानी पीएं। साइट्रेट युक्त नींबू, संतरे और अंगूर का सेवन करें, साथ ही फल-सब्जियां, साबुत अनाज और पौधे आधारित प्रोटीन, जैसे- दालें और बीन्स का सेवन करें। इसके साथ ही पैकेज्ड फूड से दूर रहें। संतुलित डाइट प्लान करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करें।
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