बारिश के मौसम में थोड़ी सी भी लापरवाही बीमारी को न्योता देने के बराबर है। सर्दियां शुरू होते ही ज्यादातर लोगों को सर्दी-जुकाम की समस्या सताने लग जाती है। हालांकि ये बेहद सामान्य बीमारी है पर अगर ये बढ़ जाए तो तकलीफ बढ़ते देर नहीं लगती। बंद नाक, गले में खराश और खांसी! ये वे लक्षण हैं, जिन्होंने कोविड-19 (Covid-19 symptoms) के दौरान सबसे ज्यादा डराया है। असल में कोविड-19 संक्रमण और मौसमी संक्रमणों (Seasonal Flu) दोनों में ही ये लक्षण समान रूप से नजर आते हैं। शुक्र है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में कमी आई है। पर बदलते मौसम में आप सर्दी-जुकाम (Cold and cough) से अब भी बच नहीं पा रहे। यह स्थिति खासी तकलीफेदेह हो सकती है। शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना और नाक बंद होना किसी को भी दुखी करने के लिए काफी है।
इन परेशानियों से झटपट राहत देने के लिए हम बता रहे है कुछ विशेष घरेलू उपचार (Cold and cough home remedies)। आइए जानते हैं इन होम रेमेडीज के बारे में।
सर्दी-जुकाम से लड़ने के इन 5 घरेलू उपाय
1. शहद की चाय
खांसी के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपाय शहद को गर्म पानी में मिलाना है। कुछ शोधों के अनुसार शहद खांसी से राहत दिला सकता है। बच्चों में रात के समय होने वाली खांसी के उपचार पर एक अध्ययन किया गया। इसके अनुसार गहरे रंग के शहद की तुलना खांसी को दबाने वाली दवा डेक्स्ट्रोमेथोर्फन (dextromethorphan) से की गई थी। शोधकर्ताओं ने बताया कि शहद ने खाँसी से सबसे ज्यादा राहत प्रदान की और उसके बाद डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न (dextromethorphan) ने।
2. नमक-पानी के गरारे
गले में खराश और गीली खांसी के इलाज के लिए यह सरल उपाय सबसे प्रभावी है। नमक का पानी गले के पिछले हिस्से में कफ और बलगम को कम करता है जिससे खांसी ठीक हो सकती है। एक कप गर्म पानी में आधा छोटा चम्मच नमक तब तक मिलाएं जब तक वह घुल न जाए। गरारे करने के लिए इस्तेमाल करने से पहले घोल को थोड़ा ठंडा होने दें।
मिश्रण को थूकने से पहले कुछ क्षण के लिए गले के पिछले हिस्से पर लगा रहने दें। खांसी ठीक होने तक दिन में कई बार नमक के पानी से गरारे करें।
छोटे बच्चों को नमक का पानी देने से बचें क्योंकि वे ठीक से गरारे करने में सक्षम नहीं होते हैं और नमक का पानी निगलना खतरनाक हो सकता है।
3. अजवायन के फूल (Thyme)
अजवायन (oregano) के खाने में और उपचार दोनों उपयोग हैं और यह खांसी, गले में खराश, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक सामान्य उपाय है। एक अध्ययन में पाया गया कि अजवायन के फूल (thyme) और आइवी के पत्तों (ivy leaves) से युक्त कफ सिरप तीव्र ब्रोंकाइटिस वाले लोगों में प्रभावी ढंग से और अधिक तेजी से खांसी से राहत देता है।
इसके पौधे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसके लाभों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अजवायन के फूल का उपयोग करके खांसी का इलाज करने के लिए, एक कप गर्म पानी में 2 टीस्पून सूखे अजवायन डालकर थाइम चाय बनाएं। चाय बनने के बाद इसे 10 मिनट छोड़ दे और फिर छानकर पी लें।
4. अदरक
अदरक सूखी खांसी या दमा की खांसी को कम कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी- इन्फ्लैमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं। यह दर्द से भी छुटकारा दिला सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि अदरक में कुछ ऐसे एंटी- इन्फ्लैमेटरी गुण है जो गले को आराम दे सकते हैं, जिससे खांसी कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने मुख्य रूप से मानव टिशू और जानवरों पर अदरक के प्रभावों का अध्ययन किया है।
इसे बनाने के लिए एक कप गर्म पानी में 20-40 ग्राम (g) ताजा अदरक के स्लाइस डालकर उबाल लें और अदरक की चाय बनाएं। पीने से पहले कुछ मिनट के लिए इसे छोड़ दें । स्वाद में सुधार के लिए शहद या नींबू का रस मिलाएं और खांसी को शांत करें। ध्यान रखें कि कुछ मामलों में अदरक की चाय पेट खराब या सीने में जलन पैदा कर सकती है।
5. हल्दी का दूध
लगभग सभी भारतीय रसोई में पाया जाने वाला एक आवश्यक चीज है हल्दी। हल्दी (turmeric) में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करता है। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना, सर्दी और खांसी से लड़ने का एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका है। सोने से पहले एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पीने से सर्दी और खांसी से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
सर्दी-जुकाम से बचने के कुछ उपाय
सर्दी से पीड़ित होने पर आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ तरह की चीजें खाने से स्थिति बढ़ सकती है और लक्षण बिगड़ सकते हैं। जैसे:
डेयरी उत्पादों से बचें
कैफीन से दूर रहें
मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ न खाएं
अपने तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं
भाप लें
आराम करें
तो यदि आपको अगली बार सर्दी-जुकाम होता है तो बिना देर किए इन उपचारों को अपनाएं और तुरंत अपनी परेशानियों से राहत पाएं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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