साइनस को आमतौर पर एक एलर्जी माना जाता है, क्योंकि जिन लोगों को ये होता है उन्हें धूल, मिट्ठी, धुंआ आदि की वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। हालांकि, साइनस सिर्फ एलर्जी नहीं है बल्कि नाक की मुख्य बीमारी है, जो मुख्य रूप से नाक की हड्डी के बढ़ने या तिरछी होने की वजह से होती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में नाक की यह समस्या काफी तेज़ी से फैल रही है और यह समस्या 8 में से एक व्यक्ति में देखने को मिलती है। ये आंकड़े साइनस की स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश लोग इसके लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते हैं और इसी कारण वे इससे परेशान रहते हैं।
क्या आप साइनस के बारे में पूरी तरह से जानते हैं? नहीं, तो परेशान न हो क्योंकि आप इस लेख के माध्यम से यह जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है साइनस?
सर्दियों के मौसम में साइनस की दिक्कत ज़्यादा बढ़ जाती है। साइनस की वजह से शरीर में बलगम जमने लगता है, जिससे पूरे समय सिर में दर्द रहता है और सांस लेने में भी तकलीफ महसूस होती है। साइनस की समस्या 4 हफ्तों या उससे ज्यादा समय तक भी बनी रह सकती है। अच्छी बात ये है कि कुछ घरेलू तरीकों से इस समस्या से आराम मिल सकता है।
साइनस के लक्षण
सिरदर्द- यह साइनस का प्रमुख लक्षण है, जिसमें सिरदर्द होता है और इसके लिए उसे सिरदर्द की दवाई लेनी पड़ती है।
नाक में भारीपन महसूस होना- इस स्थिति में नाक में भारीपन महसूस होता है। इसमें किसी के लिए भी अपना काम करना मुश्किल हो जाता है।
बुखार- अक्सर साइनस में बुखार भी आ जाता है।
खांसी होना- साइनस होने पर कुछ लोगों को खांसी भी हो सकती है।
चेहरे पर सूजन- अगर चेहरे पर नाक के आसपास के हिस्से में सजून आ जाती है तो उसे इसकी जांच करानी चाहिए।
साइनस का इलाज
भाप लेना: साइनस या ज़ुकाम होने पर भाप लेने से काफी फायदा मिलता है। एक बर्तन में गर्म पानी कर इसमें पेपरमिंट और रोज़मेरी ऑयल की तीन बूंदें और नीलगिरी के तेल की 2 बूंदे डालें। अब तौलिए से ढंक कर इस पानी से भाप लें। इससे आपकी बंद नाक खुल जाएगी और आपको हल्का महसूस होगा।
हल्दी और अदरक की चाय: हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। हल्दी और अदरक की चाय बलगम को पतला करने में मदद करती है और जिससे बंद नाक भी खुल जाती है।
हाइड्रेटेड रहें: शरीर में पानी की कमी से साइनस की समस्या और बढ़ जाती है। अगर आपको साइनस की समस्या है, तो खुद को हमेशा हाइड्रेटेड रखें। इसके लिए आप खूब सारा पानी, बिना चीनी की चाय या जूस पिएं। साथ ही ये तरल पदार्थ शरीर से बलगम को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
तीखी चीज़े: मिर्च में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो बलगम बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा सेब का सिरका और नींबू के रस में हॉर्सरैडिश मिलाकर लेने से भी साइनस की समस्या में राहत मिल सकती है।
सेब का सिरका: सेब का सिरका यानी एप्पल साइडर विनेगर भी साइनस में एक प्राकृतिक उपचार के तौर पर काम करता है। एक कप गर्म पानी में 3 चम्मच सेब का सिरका डालकर पीने से साइनस का दबाव कम होता है। इसमें स्वाद के लिए आप नींबू और शहद भी मिला सकते हैं।
कुछ चीज़ों से परहेज़: खाने-पीने की कुछ ऐसी चीज़ें भी हैं, जो साइनस की समस्या को बढ़ा सकती हैं। तलाभुना, मसालेदार और चावल जैसी चीज़ें स्थिति को और ख़राब कर सकती हैं। जिन लोगों को साइनस है, उन्हें विटामिन-ए युक्त चीज़ें ज्यादा खानी चाहिए। साथ ही उन्हें आइसक्रीम, चीज़ और दही जैसी चीज़ों से भी दूर रहना चाहिए।
नोट : उपरोक्त दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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