नई दिल्ली। अगर आप पराठे (Paratha) खाने के शौकीन है तो इसके लिए आपको GST देना पड़ेगा, क्योंकि यह फैसला अहमदाबाद की कंपनी वाडीलाल इंडस्ट्रीज (Vadilal Industries) की अपील पर आया है। गुजरात की अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग का कहना है कि रोटी और पराठे में काफी अंतर है। रोटी पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है, जबकि पराठे पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।
आपको बता दें कि देश में एक समान वस्तु व सेवा शुल्क जीएसटी (GST) प्रणाली लागू हुए इस साल जुलाई में पांच साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसकी पेचीदगियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी के अमल व अधिसूचनाओं को लेकर आए दिन विवाद सामने आते रहते हैं। ऐसा ही मामला रोटी व पराठे पर अलग-अलग जीएसटी दरों का है।
रोटी पराठे जैसा ही जीएसटी विवाद दूध (milk) और भिन्न-भिन्न स्वाद व सुगंध वाले यानि फ्लेवर्ड दूध (flavoured milk) को लेकर भी है गुजरात के जीएसटी प्राधिकारियों ने फ्लेवर्ड दूध पर 12 फीसदी जीएसटी को वैध माना है, जबकि दूध पर कोई कर नहीं लगता है।
इससे पहले इस तरह का मामला तमिलनाडु के जीएसटी प्रशासन के समक्ष आया। वहां जीएसटी प्रशासन ने रेडी टू कुक डोसा, इडली और दलिया मिक्स आदि पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया, लेकिन डोसा या इडली बनाने के तैयार घोल (बैटर) के तौर पर बेचने पर 5 फीसदी जीएसटी लगाया। वहीं, गुजरात कर प्रशासन ने पुरी, पापड़ और बिना तले पापड़ पर 5 फीसदी जीएसटी थोपा, जबकि कर्नाटक में रवा इडली डोसा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया।
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