नई दिल्ली (New Delhi)। वजन बढ़ने के कारण कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल (healthy lifestyle) के लिए फिट एंड फाइन दिखना भी जरूरी है। इसलिए बैलेंस डाइट बेहद जरूरी है। ऐसा भोजन जिससे पोषक तत्व भरपूर मिलें और शरीर में फैट डीपोजिशन भी न हो। इस डाइट पर काफी रिसर्च भी हो चुके हैं। वेट लॉस (keto diet for weight loss) के साथ-साथ यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कितना कारगर है, यह जानने से पहले कीटोजेनिक या कीटो डाइट के बारे में जानते हैं।
वेट कम करने के लिए कीटो डाइट आज-कल बहुत ही पॉपुलर हो गया है. दरअसल कीटो डाइट में अधिक मात्रा में फैट, संतुलित मात्रा में प्रोटीन और बहुत कम मात्रा या न के बराबर कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है. कीटो डाइट में मटन, चीज, अंडा, चिकन, नट्स, एग, सीफूड और सीड्स शामिल हैं. लेकिन यह सवाल है कि क्या यह डाइट हमारे शरीर के लिए हेल्दी है. कई रिसर्च सामने आए हैं कि यह डाइट हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि कुछ समय के लिए कीटो डाइट को फ्लो कर सकते हैं लेकिन लंबे समय के लिए इसे अपनाना हमारे हेल्थ पर बुरा प्रभाव डालेगा. आइए जानते हैं कैसे?
स्ट्रोक का खतरा
हाल ही में एक शोध से पता चला है कि कीटो डाइट लेने से शरीर की मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है. इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट बहुत कम और वसा अधिक होती है.इससे खून में खराब कोलेस्ट्रॉल यानि एलडीएल का स्तर बढ़ जाता है जो दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बन सकता है. साथ ही यह डाइट शरीर को कई जरूरी पोषक तत्व भी नहीं दे पाती.इसलिए डॉक्टर से सलाह के बिना लंबे समय तक कीटो डाइट ना लें, वरना हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है.
किडनी पर असर
हाई फैट वाले नॉनवेज फूड्स जैसे – मीट, अंडे, चीज़ आदि कीटो डाइट में शामिल होते हैं. ये सभी फूड्स कार्बोहाइड्रेट से रहित होते हैं. इन फूड्स का ज्यादा खाने से किडनी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.ये फूड्स हमारे खून और यूरिन को अधिक एसिडिक बना देते हैं. साथ ही यूरिन में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ जाती है. ये सब मिलकर किडनी में स्टोन बनने और किडनी की कार्यक्षमता खराब होने का खतरा पैदा करते हैं. इसलिए नॉनवेज कीटो फूड्स का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
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