नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ (Insurance company LIC’s IPO) मार्च में पेश किए जाने की तैयारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार इसे 11 मार्च को लॉन्च किया जा सकता है। अगर आप भी इसमें निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए दो जरूरी काम करना आवश्यक है और इनके लिए आज ही का दिन बचा है। इसके बिना आप आवेदन नहीं कर पाएंगे। आइए जानते हैं क्या हैं ये जरूरी काम।
आज कर सकते हैं पैन कार्ड अपडेट
गौरतलब है कि एलआईसी की ओर से पेश किया जाने वाला आईपीओ (IPO) देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इसको लेकर निवेशकों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लेकिन इसमें आवेदन करने के लिए आपको अपने खाते से पैन कार्ड अपडेट करना बेहद जरूरी है। इसके बिना आप आईपीओ में निवेश नहीं कर पाएंगे। बीमा दिग्गज ने इसके लिए 28 फरवरी की तारीख निर्धारित की थी। इसके लिए कंपनी की ओर से कई रिमांडर (reminder) भी भेजे गए। सिर्फ एक महीने के भीतर ही 60 से 70 लाख पॉलिसी धारकों ने पैन कार्ड अपडेट (pan card update) किया है। अगर आपने अब तक ये काम नहीं किया है तो आज ही इसे पूरा कर लें नहीं तो आप आवेदन के पात्र नहीं होंगे।
डीमैट अकाउंट होना सबसे जरूरी
किसी भी आईपीओ के लिए आवेदन करने या शेयरों की खरीद और बिक्री के लिए डीमैट होना जरूरी है। भारत में दो डिपॉजिटरीज एनएसडीएल और सीडीएसएल (Depositories NSDL and CDSL) हैं। इनमें से किसी के साथ भी डीमैट अकाउंट खोला जा सकता है। अगर किसी पॉलिसी धारक के पास पहले से ही डीमैट अकाउंट है तो उसे नया खुलवाने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपके पास डीमैट अकाउंट (demat account) नहीं है तो फिर आप एलआईसी के आईपीओ में आवेदन करने से वंचित रह सकते हैं। इसके लिए भी आज आखिरी मौका है यानी 28 फरवरी तक जिसका डीमैट अकाउंट खुल चुका है वो आवेदन का पात्र है। अगर आपने अब तक डीमैट अकाउंट नहीं खुलवाया है तो आज ही सब काम छोड़कर इसे खुलवा लें।
कर्मचारियों-पॉलिसी धारकों का हिस्सा रिजर्व
गौरतलब है कि एलआईसी के आईपीओ में 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसी धारकों के लिए रिजर्व रखा जा सकता है, जबकि पांच फीसदी हिस्सा कंपनी के कर्मचारियों के रिजर्व रखा जा सकता है। बता दें कि बाजार नियामक सेबी (market regulator sebi) के पास जमा कराए गए एलआईसी के मसौदा दस्तावेज (डीआरएचपी) के मुताबिक, साफ तौर पर कहा गया है कि अगर पॉलिसी धारक 28 फरवरी 2022 तक अपना पैन अपडेट नहीं कराता है तो वह उसके आईपीओ में भाग लेने के लिए हकदार नहीं होगा। एलआईसी के 26 करोड़ पॉलिसीहोल्डर्स के लिए 3.16 करोड़ शेयर रिजर्व रखे गए हैं।
35 फीसदी हिस्सा रिटेल इनवेस्टों के लिए
एलआईसी के आईपीओ का इसका कुल 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए है। यानी पॉलिसीहोल्डर अधिकतम चार लाख रुपये तक के शेयरों के लिए बोली लगा सकता है। वह पॉलिसीहोल्डर और रिटेल कैटगरी में बोली लगा सकता है। अगर दोनों आवेदन एक ही डीमैट अकाउंट से किए जाते हैं, तब भी यह वैध माना जाएगा। पॉलिसीहोल्डर्स के लिए कोई लॉकइन पीरियड नहीं होगा और वे लिस्टिंग के दिन ही शेयर बेच सकते हैं।
पूरी तरह ऑफर फॉर सेल आईपीओ
एलआईसी का ये आईपीओ अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सेबी में सौंपे गए डीआरएपी के अनुसार, एलआईसी का इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल होगा। इसमें सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी के अंतर्गत 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिसाब से कंपनी की एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये होगी। अमूमन किसी बीमा कंपनी का मार्केट कैप इस वैल्यू का चार गुना होता है। इस हिसाब से देखें तो एलआईसी की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर यानी करीब 22 लाख करोड़ रुपये होगी और एलआईसी देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी बन जाएगी।
20 फीसदी एफडीआई को मंजूरी
बीते शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एलआईसी आईपीओ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया था। दरअसल, आईपीओ-बाउंड एलआईसी में एफडीआई की अनुमति दे दी गई। बैठक में एलआईसी में ऑटोमेटिक रूट से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी पर मुहर लगाई गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब एलआईसी के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल जाएगा।
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