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अगर आपको भी दिखें ये लक्षण तो न करें अनदेखा, खराब सेक्सुअल हेल्थ के हैं संकेत

  • March 24, 2025

    नई दिल्ली। बात जब सेक्स से जुड़ी समस्याओं के बारे में हो तो पुरुष अक्सर इससे बचते हैं। डॉक्टर को अपनी परेशानी बताने से कतराते हैं। लेकिन डॉक्टर हमेशा सेक्सुअल हेल्थ को गंभीरता से लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि असल में इसका हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ से सीधा कनेक्शन होता है।

    दुर्भाग्यवश भारत सहित दुनियाभर के कई देशों में सेक्सुअल हेल्थ (sexual health) पर बात नहीं की जाती है। सेक्स के जाने-माने विशेषज्ञों का कहना है कि इसका इलाज तभी संभव है जब पुरुषों में सेक्सुअल हेल्थ से संबंधी विकार को समय रहते डिटेक्ट कर लिया जाए। एक एंड्रोलॉजिस्ट सेक्सुअल संबंधी रोगों का पता लगाकर उसका बेहतर इलाज कर सकता है।

    एंड्रोलॉजिस्ट एक ऐसा क्वालीफाइड यूरोलॉजिस्ट (Qualified Urologist) होता है जो पुरुषों में इनफर्टिलिटी और सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी गंभीरता को समझ सकता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि यदि किसी इंसान को सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी चार प्रकार की समस्याएं महसूस हो रही हैं तो उन्हें तुरंत एक एंड्रोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।

    शीघ्रपतन– यदि सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद आपका शीघ्रपतन (premature ejaculation) हो रहा है तो आप प्रीमैच्योर एजकुलेशन से पीड़ित हो सकते हैं। ये समस्या अक्सर कम उम्र के नौजवानों में देखी जा सकती है। हालांकि ये दिक्कत किसी भी उम्र के इंसान के साथ हो सकती है।


    यूरो-एंड्रोलॉजिस्ट्स का कहना है कि प्रीमैच्योर एजाकुलेशन ज्यादा उम्र के लोगों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन का वॉर्निंग साइन भी हो सकता है। ये लोगों में एन्जाइटी डिसॉर्डर (anxiety disorder) की चेतावनी का भी कार्य कर सकता है।

    सेक्सुअल डिजायर में कमी-
    सेक्सुअल डिजायर (sexual desire) में कमी का मतलब सेक्स को लेकर आपकी इच्छा कम हो चुकी है। ये दिक्कत पुरुषों के हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन के लेवल में कमी से जुड़ी है। दरअसल शरीर में टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) का संबंध हमारी सेक्स ड्राइव, स्पर्म प्रोडक्शन, मांसपेशी, बाल और हड्डियां से जुड़ा होता है।

    डॉक्टर्स कहते हैं कि लो टेस्टोस्टेरॉन इंसान की बॉडी और मूड को प्रभावित कर सकते हैं। डिप्रेशन, एन्जाइटी या रिलेशनशिप में कठिनाइयां सेक्सुअल डिजायर में कमी का कारण हो सकती हैं। इसके अलावा डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर समेत एंटीडिप्रेसन्ट जैसे तमाम तरह के इलाज भी इसे बढ़ावा दे सकते हैं।

    इनफर्टिलिटी-
    इनफर्टिलिटी (बांझपन) में मेल फैक्टर तकरीबन 40 से 50 प्रतिशत तक योगदान देता है। कंसीव (गर्भधारण) कराने में अयोग्य रहने के कई प्रमुख कारण हो सकते हैं। असंतुलित हार्मोन्स, वेरिकोसेले और सेक्सुअल डिसफंक्शन (sexual dysfunction) समेत कई कारणों से पुरुष इनफर्टिलिटी का शिकार हो सकते हैं।

    इरेक्टाइल डिसफंक्शन-
    यदि आपको इरेक्शन प्राप्त करने या उसे मेंटेन रखने में कठिनाई होती है जो शारीरिक संबंध स्थापित करने के लिए जरूरी है तो आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसी समस्या तब होती है जब इंसान के गुप्तांग तक खून का संचार सही नहीं होता है।

    कई मामलों में ये समस्या फिजिकल कंडीशन, वस्क्यूलर डिसीज, थाइरॉयड बिगड़ने, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से जुड़ी हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि ये समस्या एन्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी कई साइकोलॉजिकल कंडीशन से भी जुड़ी हो सकती हैं।

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