नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने छोटे-मोटे काम करने वाले करोड़ों लोगों की मदद के लिए नई पहल तैयार की है. सरकार की तैयारी है कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत इस साल के अंत तक 1 करोड़ स्ट्रीट वेंडर्स को लोन के रूप में वित्तीय मदद मुहैया कराई जाए. इसके लिए सरकार ने अब पीएम स्वनिधि योजना के दायरे को बढ़ा दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे लाभान्वित हो सकें.
क्या है पीएम स्वनिधि योजना?
पीएम स्वनिधि (PMSVANidhi) योजना यानी प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडरर्स आत्मनिर्भर निधि (Prime Minister Street Vendor’s AtmaNirbhar Nidhi) योजना की शुरुआत 1 जून 2020 को की कई थी. यह एक माइक्रो क्रेडिट स्कीम है, मतलब इस योजना के तहत छोटे-छोटे कर्ज दिए जाते हैं. योजना के लाभार्थियों को 10 हजार रुपये, 20 हजार रुपये और 50 हजार रुपये की तीन किस्तों में किफायती कर्ज की मदद मिलती है.
किन्हें मिलती है इस स्कीम में मदद?
केंद्र सरकार ने इस योजना को उन लोगों की मदद करने के लिए शुरू किया था, जो रेहड़ी-पटरी पर छोटे-मोटे कारोबार करते हैं और उससे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. कोविड के दौरान ऐसे लोगों की आजीविका सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी. उनके सामने सबसे बड़ी समस्या होती है कि वे अनौपचारिक क्षेत्र के होते हैं, ऐसे में उन्हें बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों से कर्ज नहीं मिल पाता है. बैंक इस तरह के काम की शुरुआत के लिए भी मुश्किल से फाइनेंस करते थे. इसी समस्या को दूर करना योजना का लक्ष्य है और स्कीम के तहत वर्किंग कैपिटल के रूप में ही कर्ज दिए जाते हैं.
सरकार ने क्यों बढ़ाया है दायरा?
इस योजना के तहत दिसंबर 2024 तक 57 लाख लोन बांटने का टारगेट सेट किया गया था. मंत्रिमंडल ने 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त के लिए 42 लाख लोन और 20-20 हजार रुपये कि दूसरी खेप के लिए 12 लाख लोन को मंजूरी दी है. इस स्कीम को अब तक लोगों का रिस्पॉन्स बढ़िया मिला है. स्कीम के तहत एनपीए बनने वाले लोन 15 फीसदी से कम हैं. इससे उत्साहित होकर सरकार ने दायरे को बढ़ाने का निर्णय लिया है.
अब तक बांटे गए कितने लोन?
केंद्र सरकार ने इसी कारण अब योजना के लक्ष्य को लगभग डबल कर दिया है और टाइमलाइन भी घटा दी गई है. पहले दिसंबर 2024 तक 57 लाख लोन देने का टारगेट था. अब दिसंबर 2023 तक 1 करोड़ लोन देने का टारगेट है. अभी तक पीएम स्वनिधि योजना के तहत 71.10 लाख लोन मंजूर किए गए हैं, जबकि उनमें से 65.98 लाख लोन डिस्बर्स किए जा चुके हैं.
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