नई दिल्ली। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव (Shanidev) न्याय के साथ-साथ कर्म के भी देवता हैं क्योंकि वे हर किसी के कर्मों के हिसाब से ही उसे शुभ और अशुभ फल देते हैं। यही कारण है कि कहा जाता है कि अगर शनिदेव के अशुभ प्रभाव और छाया से बचना है तो अपने कर्मों में सुधार करें। शनिदेव का नाम सुनते ही अधिकतर लोग डर जाते हैं क्योंकि शनि की अशुभ छाया (Bad effects of shani) जिस पर पड़ जाए उसे जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मकर, कुंभ, तुला राशि वालों पर शनि का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता
वैसे तो कुछ ग्रह नक्षत्रों की दशा भी ऐसी होती है कि कुछ विशेष जातकों और राशिवालों पर शनि की कुदृष्टि नहीं होती और ना ही शनि की साढ़ेसाती (Shani ki sadhesati) या शनि की ढैय्या (Shani ki dhayya) का कोई प्रभाव पड़ता है। अगर आपकी राशि मकर, कुंभ या तुला है तो खुश हो जाइए। शनिदेव, मकर और कुंभ (Capricorn and Aquarius) इन दो राशियों के राशि स्वामी हैं इसलिए शनि के बुरे प्रकोप या साढ़े साती का बुरा प्रभाव इन राशि वालों पर नहीं पड़ता। वहीं तुला राशि (Libra) में शनि उच्च के होते हैं ऐसे में इन राशि वालों पर भी शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या होने पर भी इन पर बुरा असर नहीं होता।
कर्म और आदत सुधाकर भी शनि की कृपा पा सकते हैं,
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