उज्जैन। यहाँ के नेताओं को कौन समझाए कि सड़कें चौड़ी करने और मकानों को तोडऩे से कोई भी शहर न तो विकसित हो सकता है और न ही व्यवस्थित..उज्जैन में आज ट्रेफिक व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची तथा हर सड़क पर लंबे जाम लग रहेहै..पूर्व में जो सड़कें चौड़ी हुई थी वहाँ के परिणाम देखने के बाद भी चौड़ीकरण की सनक सवार है।
यदि चौड़ीकरण हुआ तो अगले दो साल पूरे शहर में धूल और मिट्टी के गुबार उड़ेंगे। इन दिनों कोयला फाटक से निजातपुरा, कोतवाली रोड, सतीगेट, सराफा, खड़े हनुमान वाले मार्ग को चौड़ा करने की तैयारी की जा रही है, जबकि पहले से कोई प्लानिंग नहीं हैं और न ही विकास कार्य भी उच्च स्तर का किया जाता है। केडीगेट से नयापुरा वाला मार्ग चौड़ा किया तो वहाँ की हालत दो साल बाद भी सामान्य नहीं हो पाई। देवासगेट महाकाल मार्ग को 2004 में चौड़ा किया गया था लेकिन आज वहाँ सड़क के दोनों ओर 10-10 फीट का अतिक्रमण है एवं ठेले खड़े होते हैं। पहले अतिक्रमण एवं वाहनों को हटाया जाना चाहिए तथा कुछ मार्गों को वन-वे किया जाना चाहिए जिससे कि शहर की सूरत बदले लेकिन चौड़ीकरण का राग अलापा जा रहा है। यदि चौड़ीकरण हुआ और सतीगेट वाले मार्ग के अलावा तेलीवाड़ा, मिर्जा नईम बेग मार्ग, ढाबा रोड को चौड़ा किया जाता है तो पूरे शहर में अव्यवस्था फैल जाएगी और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा।
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