नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central government) ने 1960 में हुई सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) स्थगित करने के लिए गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को पाकिस्तान (Pakistan) को सूचित कर दिया है. इस संबंध में पाकिस्तान को औपचारिक जानकारी देते हुए भारत (India) ने कहा कि उसने समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया है. मामले पर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि पानी अगर रोक दिया है तो रखेंगे कहां.
उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे? केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.” उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार आतंकवादी ग्रुप को पनाह देने वाले देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. अंतरराष्ट्रीय कानून हमें पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी करने और हथियारों की बिक्री पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की भी अनुमति देता है.
सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने पाकिस्तान को लिखी चिट्ठी
भारत ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए संधि को निलंबित करने सहित कई अन्य फैसलों की घोषणा की थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सैयद अली मुर्तजा को लिखे लेटर में कहा कि जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर पाकिस्तान की ओर से जारी सीमा पार आतंकवाद सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है.
पाकिस्तान ने पैदा की बाधा
मुखर्जी ने चिट्ठी में कहा, ‘‘किसी संधि का सद्भावपूर्वक सम्मान करने का दायित्व संधि का मूल होता है. हालांकि, इसके बजाय हमने देखा है कि पाकिस्तान भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘ उत्पन्न सुरक्षा अनिश्चितताओं ने संधि के तहत भारत के अधिकारों के पूर्ण उपयोग में प्रत्यक्ष रूप से बाधा उत्पन्न की है.’’
पाकिस्तान को भेजे गए पत्र में ‘‘काफी हद तक जनसांख्यिकी में बदलाव, स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता और अन्य बदलावों’’ को भी संधि के दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता वाले कारणों के रूप में रेखांकित किया गया. इसमें पाकिस्तान पर अनुच्छेद 12(3) के तहत आवश्यक संशोधनों पर बातचीत करने से इनकार करके संधि का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया.
पत्र में कहा गया है, ‘‘…किए गए अन्य उल्लंघनों के अलावा, पाकिस्तान ने संधि के तहत परिकल्पित वार्ता में शामिल होने के भारत के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है और इस प्रकार वह संधि का उल्लंघन कर रहा है.’’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved