• img-fluid

    10 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर, तो अक्तूबर से सभी कंपनियों के लिए ई-इनवॉइस बनाना होगा जरूरी

  • August 03, 2022


    नई दिल्ली। जीएसटी (GST) में पंजीकृत सालाना 10 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का टर्नओवर करने वाली कंपनियों के लिए अब ई-इनवॉइस (e-invoice) बनाना जरूरी होगा। इसे एक अक्तूबर से लागू किया जाएगा। यह उन कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा, जो बीटुबी (बिजनेस-टु-बिजनेस) का कारोबार करती हैं।

    वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा, अभी 20 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा के टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉइस (e-invoice) बनाना जरूरी है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (central board of excise and customs) ने एक अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी।

    जीएसटी परिषद (GST Council) ने ई-इनवॉइस को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया था। सीबीआईसी ने कहा, यह व्यवस्था लागू होने के बाद बीटुबी लेनदेन (Business to Business Transaction) पर सभी कंपनियों के लिए जीएसटी के तहत कर अधिकारियों को बिल मिलान की जरूरत नहीं होगी। भविष्य में व्यवस्था के तहत कारोबारियों को सभी रिटर्न फॉर्म पहले से भरे हुए मिलेंगे।


    2020 में 500 करोड़ रुपये के लिए था नियम
    एक अक्तूबर, 2020 से बीटुबी लेनदेन उन कंपनियों के लिए जरूरी किया गया था, जिनका टर्नओवर 500 करोड़ रुपये था। एक जनवरी, 2021 को इसका दायरा बढ़ाकर इसमें 100 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों को शामिल कर लिया गया। अप्रैल, 2021 से 50 करोड़ रुपये और इसी साल एक अप्रैल से 20 करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाली कंपनियों को भी इस दायरे में शामिल कर लिया गया।

    5 करोड़ वाली कंपनियां भी आ सकती हैं दायरे में
    सीबीआईसी की योजना आगे चलकर 5 करोड़ रुपये के कारोबार वाली कंपनियों को भी इसके दायरे में लाने की है। डेलॉय इंडिया के भागीदार एमएस मणि ने कहा कि इस फैसले से जीएसटी के कर आधार का और विस्तार होगा। साथ ही बेहतर अनुुपालन को सक्षम बनाने के लिए कर अधिकारियों को अधिक आंकड़े मिल सकेंगे। हालांकि आगे चलकर सभी कैटेगरी के जीएसटी करदाताओं के लिए यह अनिवार्य होगा।

    12 फीसदी टैक्स स्लैब को हटाने की तैयारी
    सूत्रों के मुताबिक, मंत्रियों का समूह जीएसटी में से 12 फीसदी टैक्स स्लैब को हटाने पर विचार कर रहा है। जीएसटी के कुल राजस्व में 12 फीसदी स्लैब का योगदान सबसे कम केवल 8 फीसदी है, इसलिए इसे खत्म किया जा सकता है। मंत्रियों के समूह को इस पर रिपोर्ट सौंपने के लिए जून में 3 महीने का समय दिया गया था। 12 फीसदी स्लैब में फलों के जूस, बादाम, सोलर वॉटर हीटर और अन्य सामान आते हैं।

    Share:

    जोमैटो में अपनी पूरी हिस्सेदारी 2939 करोड़ रुपये में बेच सकती है उबर

    Wed Aug 3 , 2022
    नई दिल्ली. ऑनलाइन कैब (online cab) सेवा देने वाली कंपनी उबर फूड डिलीवरी करने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जोमैटो में अपनी समूची 7.8 फीसदी हिस्सेदारी 37.3 करोड़ डॉलर (2,939 करोड़ रुपये) में बेच सकती है. मर्चेंट बैंकिंग (merchant banking) से जुड़े सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. यह घटनाक्रम (events) ऐसे समय में सामने आया […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved