नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पर धमकियों को लेकर भारत की प्रतिक्रिया स्पष्ट करने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस मामले पर सरकार ने संसद में न कोई चर्चा की और न ही विपक्षी दलों के साथ परामर्श किया. इसके साथ ही चिदंबरम ने केंद्र को यह भी सलाह दी है कि ट्रंप की धमकियों को गंभीरता से लेते हुए अन्य देशों के साथ मिलकर जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए.
चिदंबरम ने चेतावनी दी कि केंद्र को यह नहीं सोचना चाहिए कि भारत को लेकर ट्रंप ने कोई ऐलान नहीं किया तो कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा, ट्रंप एक-एक कर देश को टैरिफ युद्ध में झोकेंगे और फिर जब भारत का नंबर आएगा तो उनके फैसलों से हमारी अर्थव्यवस्था 3 से 6 महीने में तबाह हो जाएगी.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘ट्रंप की धमकियों पर भारत की प्रतिक्रिया को पूरी दुनिया के सामने सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कम से कम संसद में एक बयान होना चाहिए या विपक्षी दलों के साथ परामर्श होना चाहिए. हम पूरी तरह से अंधेरे में हैं. मेरी जानकारी के अनुसार, अधिकांश मंत्रियों को भी इस बारे में कुछ नहीं पता है. अमेरिका की टैरिफ नीति के लिए भारत की प्रतिक्रियात्मक नीति को बनाने में कौन-कौन शामिल है? इसका अता-पता किसी को भी नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप संसद में सार्वजनिक चर्चा नहीं करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख विपक्षी दलों को आमंत्रित करना चाहिए और नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए कि ट्रंप की नीतियों के लिए वैकल्पिक परिदृश्यों पर क्या काम किया जा रहा है. मुझे लगता है कि इस समय, केवल विदेश मंत्री और शायद वाणिज्य मंत्री, जो प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका गए, वे ही इस बात से अवगत होंगे कि क्या चल रहा है.’
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे एकतरफा टैरिफ अस्वीकार्य हैं. कई देश इसे समझ रहे हैं और आपसी चर्चा के जरिए इस पर प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहे हैं. जैसा कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने किया. उन्होंने अपनी संसद को विश्वास में लिया और अब वह यूरोपीय देशों के साथ समन्वय कर ट्रम्प के एकतरफा टैरिफ का जवाब देंगे. मुझे यकीन है कि तेल उत्पादक देश भी इस मामले में आपस में समन्वय कर रहे हैं.’
चिदंबरम ने कहा, ‘हम एक प्रमुख कृषि निर्यातक हैं. हम एक प्रमुख कपड़ा निर्यातक हैं. हम बहुत सारे औद्योगिक सामान भी निर्यात करते हैं. इसलिए हमें उन देशों के साथ मिलकर काम करना चाहिए जो वैश्विक बाजार में कृषि निर्यात, कपड़ा निर्यात और औद्योगिक सामान निर्यात करते हैं. हमें सभी के साथ मिलकर एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए. मुझे लगता है ट्रंप एक साथ सभी के खिलाफ टैरिफ युद्ध नहीं छेड़ेंगे. वह एक बार में एक देश को चुनेंगे. बाकी देशों को लगेगा कि हमें नहीं चुना गया लेकिन उनका भी नंबर आएगा. ऐसे में समय रहते पहले ही मिलजुल कर अमेरिका को जवाब देने की तैयारी हो जाना चाहिए.’
चिदंबरम ने कहा, ‘मान लीजिए कि ट्रंप भारत को चुनते हैं और अन्य देशों को छोड़ देते हैं. वह ऐलान कर देंगे कि भारत से निर्यात किए गए सामानों पर हम इतना टैरिफ लगाएंगे. ऐसे में हम बर्बाद हो जाएंगे. तीन से छह महीने के भीतर, हमारी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी. इसलिए जरूरत है कि भारत सरकार अभी से ऐसे संभावित देशों को साथ में ले और अमेरिका पर टैरिफ युद्ध को आगे बढ़ाने से रोकने के लिए दबाव बनाए. अन्यथा एक-एक करके कई देश बेसहारा हो जाएंगे.’
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