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MP: इन शर्तो को पूरा नहीं करने पर नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, जानिए निर्वाचन आयोग के नियम

May 31, 2022

भोपाल: मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के बीच अब भू माफिया इफेक्ट भी सामने आने लगा है. सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. साथ ही पंचायत टैक्स और बिजली बिल (Panchayat tax and electricity bill) बकायादार को भी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिलेगा. चुनाव का खर्चा नहीं बताने वाले उम्मीदवार अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने कई ऐसी शर्ते रखी हैं, जिसे पूरा नहीं करने पर लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

पंचायत, निकाय चुनाव लड़ने के लिए तमाम शर्तों के साथ राज्य निर्वाचन आयोग ने नियम और प्रावधान जारी किए हैं. इन नियमों के तहत सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने और पंचायत के टैक्स, बिजली बिल नहीं चुकाने वाले चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इसके साथ ही हर उम्मीदवार के घर में फ्लश वाला टॉयलेट होना भी जरूरी है. चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें इन सब बातों का उल्लेख करना होगा.

नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) में पहली बार पार्षदों को भी खर्च की जानकारी देनी होगी. भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में खर्च की सीमा 8 लाख 75 हजार होगी. बाकी सभी 12 नगर निगम में खर्च की सीमा 3 लाख 75 हजार होगी. लिमिट से ज्यादा खर्च करने पर प्रत्याशी अयोग्य घोषित किये जा सकते हैं. अभी नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है. बीजेपी ने इन नियमों को सही करार दिया. राकेश शर्मा ने कहा यह पैमाने शुचिता की राजनीति को दर्शाते हैं.


मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (Madhya Pradesh State Election Commission) इस बार सख्ती बरत रहा है. यदि शपथ पत्र में दी गई जानकारी गलत पाई जाती है तो उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. यह शपथ पत्र नामांकन पत्र की स्क्रूटनी की तारीख से पहले देना जरूरी है. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके साथ ही जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और सरपंच पद के उम्मीदवारों को खुद के साथ पति, पत्नी और आश्रितों की आय, संपत्ति और देनदारी की जानकारी भी देना होगी. शपथ पत्र में यह भी बताना होगा कि पंचायत या अन्य सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं है. और घर में फ्लश वाला टॉयलेट है. इस पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने कहा यह नियम सिर्फ विरोधी पार्टी के लिए बनाए गए हैं. जबकि बीजेपी के तमाम नेता ऐसी कई गतिविधियों में लिप्त हैं.

चुनाव आचार संहिता के कारण ग्रामीण क्षेत्र में अस्त्र-शस्त्र के सार्वजनिक प्रदर्शन और लाठी लेकर चलने पर भी रोक लगा दी है. उम्मीदवार बिना इजाजत के 3 से ज्यादा गाड़ियां लेकर नहीं चल सकेंगे. रैली और सभा आदि के लिए अनुमति लेना होगी. ग्रामीण क्षेत्र में धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है. यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि मध्यप्रदेश में पंचायत, निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सकें.

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