उज्जैन। बारिश की खेंच के कारण आने वाले समय में गांवों में भी जलसंकट खड़ा हो जाएगा। पीएचई ग्रामीण के अन्तर्गत जिले में आनेवाले गांवों के करीब 700 हैण्डपम्प इस समय बंद पड़े हैं। इन हैण्डपंपों का जल स्तर 200 फीट से भी नीचे चला गया है। ऐसी स्थिति में आनेवाला समय संकटभरा हो सकता है।
पीएचई ग्रामीण के ईई सुधीर धारीवाल के अनुसार, बारिश की खेंच ने चिंता बढ़ा दी है। अंचलों तक अब मुख्य रूप से हैण्डपंप और ट्यूबवेल के माध्यम से ही पानी की आपूर्ति ग्राम पंचायतों द्वारा की जाती है। एक माह पूर्व ही जिले के करीब 700 हैण्डपंप जोकि विभाग के अन्तर्गत आते हैं, बंद हो गए थे। इनका जल स्तर 200 फिट से भी नीचे चला गया था। यदि बारिश अच्छी होती है,तभी हैण्डपंपों का जल स्तर उपर उठने की संभावना रहेगी।
एक माह पूर्व जागती नगर निगम की पीएचई…तो यह संकट नहीं होता
उज्जैन में पानी की आपूर्ति मुख्य रूप से गंभीर बांध से होती है। बांध के संधारण का काम पीएचई ग्रामीण का है। इस पानी का उपयोग किस प्रकार से किया जाए,यह काम है नगर निगम की पीएचई का। ऐसे में ग्रामीण पीएचई द्वारा कभी यह नहीं पूछा जाता है कि इतनी अधिक पानी की खपत क्यों हो रही है?
नरग निगम की पीएचई के सूत्रों के अनुसार एक माह पूर्व ही उपर तक यह बता दिया गया था कि बारिश कम हुई है,बांध में करीब 650 एमसीएफटी पानी है। ऐसे में ध्यान दिया जाए। बावजूद इसके निगम बोर्ड ने कोई निर्णय नहीं लिया, न ही आदेश दिया। यही कारण है कि अब जब हालात अधिक खराब है, एक दिन छोडकर पानी प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में नगर निगम की पीएचई के ईई अतुल तिवारी से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, उन्होने मोबाइल फोन नहीं उठाया।
अच्छी वर्षा की आस में तीन बार प्रस्ताव कर दिया निरस्त
वहीं, नगर निगम की पीएचई द्वारा पूर्व में तीन बार प्रस्ताव एमआईसी के समक्ष में भेजा। सदन में भी प्रस्तावित किया। कतिपय जनप्रतिनिधियों ने हर बार यह कहा कि चिंता मत करो, अच्छी बारिश होगी। अभी तो त्यौहारों तक रोजाना पानी देते रहो। अब एक दम से चिंताग्रस्त होकर एमआयसी ने 17 अगस्त को बैठक बुलाई और 21 अगस्त से एक दिन छोड़कर जलप्रदाय का निर्णय ले लिया। यह निर्णय लेते समय भी पीएचई नगर निगम ने स्पष्ट किया कि केवल 38 दिन का पानी शेष है। बारिश की आशा दिखाकर जलप्रदाय करवानेवाली एमआयसी ने अब बाबा महाकाल से प्रार्थना की है कि अच्छी बारिश हो जाए।
नगर निगम की पीएचई के ईई अतुल तिवारी के अनुसार उन्होंने 11 अगस्त के निगम सम्मिलन में भी उक्त प्रस्ताव शामिल करने के लिए भिजवाया था। तब भी यही कहा गया कि अच्छी बारिश होगी,चिंता मत करो। नियमित जलप्रदाय करते रहो। अब जब दोबारा से कहा तो कल बैठक करके निर्णय दे दिया गया। यह निर्णय तकनीकी रूप से पूर्व में ही दे दिया जाना चाहिए था।