नई दिल्ली । किसानों के मुद्दे पर यूपी (UP) की पीलीभीत (Plibhit) से भाजपा सांसद (BJP MP) वरुण गांधी (Varun Gandhi)ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि अगर किसानों (Farmers) के साथ कोई गड़बड़ी की (Any disturbance) तो सरकार के सामने हाथ-पैर नहीं जोड़ूगा, सीधे कोर्ट जाऊंगा(I will go straight to the court) ।
इस वीडियो को शेयर करते हुए वरुण गांधी ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा की जा रही एमएसपी गारंटी कानून की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, “जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। इस पर सख़्त से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए।”
वीडियो में वरुण गांधी एक मंडी में कर्मचारियों को हिदायत देते हुए कह रहे हैं, “पीलीभीत समेत 17 जिलों में किसान अपनी धान की फसल में खुद ही आग लगा रहा है। यह पूरे यूपी के लिए बेहद शर्म का विषय है।”
धमकी भरे लहजे में वरुण गांधी ने कर्मचारियों से कहा कि आज से मेरा एक प्रतिनिधि हर मुख्य क्रय केंद्र पर निगरानी के लिए रहेगा। अगर आप लोगों ने किसानों के साथ भ्रष्टाचार या क्रूरता की तो मैं सरकार के आगे हाथ-पैर नहीं जोड़ूगा। सीधे कोर्ट जाऊंगा और आप सबको गिरफ्तार करवाऊंगा।
कर्मचारियों से बिचौलियों का जिक्र करते हुए भाजपा सांसद ने कहा “आप लोग हर चीज में झूठा बहाना ढूंढते हो, नमी, टूटन, कालापन का बहाना बनाकर आप फसलों को रिजेक्ट करते हो। इसे आप अपने मित्रों, बिचौलिया को 11-12 सौ में बेचते हैं और वहीं आपके पास आकर 1940 में बेच रहे हैं। सब नेक्सस पूरे देश में दिख रहा है। आप क्यों बद्दुआ लेना चाहते हैं करोड़ों-करोड़ों लोगों की, जो वैसे ही टूटे हुए हैं।’
मालूम हो कि वरुण गांधी इससे पहले भी किसानों की आवाज उठाते रहे हैं। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भी उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही थी, जबकि मुख्य आरोपी मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बनाया गया है।
हाल ही में वरुण गांधी ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर दोबारा चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
माना जा रहा है कि सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी करने के चलते भाजपा ने वरुण गांधी को अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति से हटा दिया है। इसके अलावा उनकी मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का भी नाम इस सूची से बाहर है।
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