भोपाल। मप्र में कोरोना (Corona) की आरटी पीसीआर (RT PCR) जांच के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ही निजी क्षेत्र में कई लैब (Lab) हैं फिर भी राज्य सरकार (Government) इंदौर (Indore) और भोपाल (Bhopal) के सैम्पल गुजरात (Gujrat) की कंपनी को भेज रहे हैं। जिस कारण जांच रिपोर्ट (Report) आने में 58 से 72 घंटे तक लग रहे हैं। ऐसे में मरीज गंभीर होते जा रहे हैं, लेकिन सरकार (Government) को शायद इनकी चिंता नहीं हो रही है। इंदौर (Indore) की सेन्ट्रल लैब (Central Lab) में 18 मार्च 2021 को प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को भोपाल और इंदौर में सैम्पल कलेक्शन (Sample collection) करने और जांच करने का प्रस्ताव दिया था। उस समय एक हजार रुपए प्रति सैम्पल (Sample) का प्रस्ताव था। लेकिन राज्य सरकार (Government) ने इसे 700 रुपए प्रति सैम्पल (Sample) किया तो सैन्ट्रल लैब (Central Lab) की संचालक विनीता कोठारी (Vinita Kothari) ने इस दर पर जांच करने की सहमति दे दी थी। राज्य सरकार यदि इंदौर की लैब में टेस्टिंग (Testing) कराती तो 24 घंटे में जांच रिपोर्ट (Report) मिलना तय था, लेकिन बताया जाता है कि भोपाल के काफी सैम्पल अहमदाबाद भेजे जा रहे हैं। वहां से रिपोर्ट (Report) आने में 58 से 72 घंटे लग रहे हैं। जब तक रिपोर्ट (Report) नहीं आती कई अस्पताल मरीज का उपचार भी नहीं कर रहे। रिपोर्ट (Report) की देरी के कारण बिना उपचार के मरीज की हालत भी काफी बिगडऩे लगी है। बताया जाता कि इंदौर की सेन्ट्रल लैब (Central Lab) में चार शिफ्ट में काम हो रहा है। इसकी प्रतिदिन की क्षमता पांच हजार टेस्ट करने की है। फिलहाल यह लैब इंदौर में 700 रुपए में लोगों के सैम्पल लेकर 24 घंटे में रिपोर्ट दे।
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