इंदौर। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद यूक्रेन के तरनोपिल शहर की तरनोपिल स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले इंदौर के 50 से ज्यादा बच्चे सिर्फ इसलिए वहां फंस गए हैं, क्योंकि यूनिवर्सिटी ने समय पर ऑनलाइन क्लासेस शुरू नहीं की। बच्चों और पैरेंट्स ने यूनिवर्सिटी अधिकारियों से बात भी की, लेकिन वे नहीं माने। बच्चों पर कॉलेज आकर क्लासेस अटेंड करने को लेकर इतना प्रेशर है कि क्लास छूट जाने पर उन्हें हर दिन का 10 से 15 डॉलर जुर्माना भरना पड़ता है।
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गई रितिका निगम की मां अर्चना निगम ने चिंता के साथ यह बात कही। रेडियो कॉलोनी में रहने वाली अध्यापिका अर्चना निगम ने बताया कि रितिका दो साल पहले एमबीबीएस के लिए यूक्रेन की तरनोपिल यूनिवर्सिटी गई थी। कोरोना काल में एक साल वह इंदौर में ही थी।
सितंबर में ही वापस पढ़ाई के लिए यूक्रेन गई थी। यूक्रेन में बढ़ते तनाव को देखते हुए 15 दिन पहले ही एंबेसी ने कहा था जो यूक्रेन छोडक़र देश जाना चाहता है वह जा सकता है। तब रितिका सहित अन्य बच्चों ने यूनिवर्सिटी से अपील की थी कि वे भारत लौटना चाहते हैं। यूनिवर्सिटी ऑनलाइन क्लासेस शुरू करते हुए जाने की छूट दे, लेकिन यूनिवर्सिटी ने इससे इनकार कर दिया। कल तक रितिका सहित कॉलेज में सभी बच्चों को बुलाकर क्लासेस तक लगाई गईं। रूस के हमले के बाद लगी इमरजेंसी के बाद कॉलेज बंद किए गए और आज से ऑनलाइन क्लासेस शुरू की गईं। अगर यह निर्णय पहले ही ले लिया जाता तो बच्चे समय पर सुरक्षित अपने घर पहुंच जाते।
फ्लाइट से यूक्रेन जाते हुए ऑनलाइन क्लास न ले पाने पर भी भरा था जुर्माना
अर्चना निगम ने बताया कि सितंबर में ऑफलाइन क्लासेस शुरू होने पर रितिका यूक्रेन रवाना हुई थी। इस दौरान इंदौर से यूक्रेन जाते हुए दो दिन फ्लाइट में रहने के कारण वह क्लासेस अटेंड नहीं कर पाई थी। इस पर कॉलेज ने उससे रोज का 10 से 15 डॉलर का जुर्माना भी वसूला था। यही स्थिति अब तक बना रखी थी। उन्होंने कहा कि अब उड़ानें भी बंद हो चुकी हैं और सैकड़ों बच्चे कल से ही एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं।
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